नाहन:हिमाचल प्रदेश के 6000 करोड़ रुपये के बहुचर्चित कर और कर्ज घोटाले में फंसी इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की पूरी संपत्ति को लेकर कोई भी बड़ा खरीदार नहीं मिला. नतीजतन कंपनी के छोटे-छोटे सबलोटस के ही खरीद मिले और नीलामी के दौरान 5 सबलोट्स 6 करोड़ 36 लाख 53 हजार 651 रुपये में नीलाम हुए. दरअसल हाइकोर्ट के निर्देशों के बाद बुधवार को सिरमौर जिले के पांवटा साहिब के तहत जगतपुर में स्थित इंडियन टेक्नोमैक कंपनी परिसर में घोटाले में फंसी उक्त कंपनी की नीलामी प्रक्रिया आयोजित की है. राज्य कर एवं आबकारी विभाग की ओर से कंपनी की नीलामी का रिजर्व प्राइज 165 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था. बुधवार शाम तक चली नीलामी के दौरान पूरी कंपनी को खरीदने के लिए कोई भी बड़ा खरीदार नहीं मिला. नीलामी में छोटे-छोटे सब लौट के खरीदार ही पहुंचे. लिहाजा 6 करोड़ 36 लाख 53 हजार 651 रुपये के 5 सब लोटस जरूर नीलाम हुए.
जानकारी के अनुसार राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की नीलामी के लिए दो ऑप्शनस तैयार की गई थी. पहले ऑप्शन में कोई एक या दो बड़ा खरीददार पूरी कंपनी खरीद ले. यदि कोई बड़ा खरीददार नीलामी में नहीं आता, तो इस स्थिति में छोटे-छोटे सबलोटस बनाकर कंपनी के अंदर के सामान को अलग-अलग बेचा जाए. विभाग की ओर से कंपनी के 11 सब लोटस बनाए गए थे, जिसमें से बुधवार को पांच सबलोटस ही नीलाम हुए. नीलाम हुए ये पांचों सबलोटस कंपनी की मशीनरी के थे. इस दौरान कंपनी के 35 वाहनों में से 14 वाहनों को 34 लाख रुपये में नीलाम किया गया, जो इन वाहनों के निर्धारित मूल्य से 5 प्रतिशत अधिक है.
जानकारी के मुताबिक कंपनी में नीलामी के लिए आए खरीदारों ने अधिकारियों को कहा कि कुछ छोटे खरीददार हैं, जो सबलोटस खरीदना चाहते हैं. इन लोटस को और छोटा किया जाए. इससे पहले भी विभाग कंपनी के कुछ सामान की दो बार नीलामी कर चुका है.
बता दें कि इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की नीलामी के लिए राज्य कर एवं आबकारी विभाग को चेन्नई, अहमदाबाद, भोपाल, दिल्ली और गुजरात से भी इंक्वायरी आई थी, लेकिन पूरी कंपनी को एक साथ कोई नहीं खरीदना चाहता. सभी अलग-अलग सबलोटस में खरीदना चाहते हैं. जबकि कुछ कंपनी की जमीन के बड़े खरीदार है, लेकिन जमीन की नीलामी तभी होगी, जब कंपनी के अंदर की सारी मशीनरी, बिल्डिंग और मूवेबल असेट्स नीलाम हो जाएंगे. इसके लिए विभाग अगले माह दोबारा से इसकी नीलामी प्रक्रिया रखेगा. साथ ही इस बार टेंडर ब्रोशर की कीमत 10 हजार रुपए थी, उसे भी कम किया जाएगा, ताकि अगली बार अधिक से अधिक लोग नीलामी प्रक्रिया में भाग ले सकें.