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Indian Technomac Company Auction: बहुचर्चित 6 हजार करोड़ का घोटाला, नहीं मिला इंडियन टेक्नोमैक को लेकर कोई बड़ा खरीदार - हिमाचल प्रदेश न्यूज़

बहुचर्चित कर और कर्ज घोटाले में फंसी इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की पूरी संपत्ति को लेकर कोई भी बड़ा खरीदार नहीं मिला. बुधवार शाम तक चली नीलामी के दौरान पूरी कंपनी को खरीदने के लिए कोई भी बड़ा खरीदार नहीं मिला. नीलामी में छोटे-छोटे सब लौट के खरीदार ही पहुंचे. लिहाजा 6 करोड़ 36 लाख 53 हजार 651 रुपये के 5 सब लोटस जरूर नीलाम हुए. पढ़ें पूरी खबर... (Indian technomac Auction) (indian technomac company update)

Indian Technomac Company Auction
इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की नीलामी प्रक्रिया में अधिकारी.

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Published : Jan 18, 2023, 10:14 PM IST

नाहन:हिमाचल प्रदेश के 6000 करोड़ रुपये के बहुचर्चित कर और कर्ज घोटाले में फंसी इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की पूरी संपत्ति को लेकर कोई भी बड़ा खरीदार नहीं मिला. नतीजतन कंपनी के छोटे-छोटे सबलोटस के ही खरीद मिले और नीलामी के दौरान 5 सबलोट्स 6 करोड़ 36 लाख 53 हजार 651 रुपये में नीलाम हुए. दरअसल हाइकोर्ट के निर्देशों के बाद बुधवार को सिरमौर जिले के पांवटा साहिब के तहत जगतपुर में स्थित इंडियन टेक्नोमैक कंपनी परिसर में घोटाले में फंसी उक्त कंपनी की नीलामी प्रक्रिया आयोजित की है. राज्य कर एवं आबकारी विभाग की ओर से कंपनी की नीलामी का रिजर्व प्राइज 165 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था. बुधवार शाम तक चली नीलामी के दौरान पूरी कंपनी को खरीदने के लिए कोई भी बड़ा खरीदार नहीं मिला. नीलामी में छोटे-छोटे सब लौट के खरीदार ही पहुंचे. लिहाजा 6 करोड़ 36 लाख 53 हजार 651 रुपये के 5 सब लोटस जरूर नीलाम हुए.

जानकारी के अनुसार राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की नीलामी के लिए दो ऑप्शनस तैयार की गई थी. पहले ऑप्शन में कोई एक या दो बड़ा खरीददार पूरी कंपनी खरीद ले. यदि कोई बड़ा खरीददार नीलामी में नहीं आता, तो इस स्थिति में छोटे-छोटे सबलोटस बनाकर कंपनी के अंदर के सामान को अलग-अलग बेचा जाए. विभाग की ओर से कंपनी के 11 सब लोटस बनाए गए थे, जिसमें से बुधवार को पांच सबलोटस ही नीलाम हुए. नीलाम हुए ये पांचों सबलोटस कंपनी की मशीनरी के थे. इस दौरान कंपनी के 35 वाहनों में से 14 वाहनों को 34 लाख रुपये में नीलाम किया गया, जो इन वाहनों के निर्धारित मूल्य से 5 प्रतिशत अधिक है.

इंडियन टेक्नोमैक कंपनी.

जानकारी के मुताबिक कंपनी में नीलामी के लिए आए खरीदारों ने अधिकारियों को कहा कि कुछ छोटे खरीददार हैं, जो सबलोटस खरीदना चाहते हैं. इन लोटस को और छोटा किया जाए. इससे पहले भी विभाग कंपनी के कुछ सामान की दो बार नीलामी कर चुका है.

बता दें कि इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की नीलामी के लिए राज्य कर एवं आबकारी विभाग को चेन्नई, अहमदाबाद, भोपाल, दिल्ली और गुजरात से भी इंक्वायरी आई थी, लेकिन पूरी कंपनी को एक साथ कोई नहीं खरीदना चाहता. सभी अलग-अलग सबलोटस में खरीदना चाहते हैं. जबकि कुछ कंपनी की जमीन के बड़े खरीदार है, लेकिन जमीन की नीलामी तभी होगी, जब कंपनी के अंदर की सारी मशीनरी, बिल्डिंग और मूवेबल असेट्स नीलाम हो जाएंगे. इसके लिए विभाग अगले माह दोबारा से इसकी नीलामी प्रक्रिया रखेगा. साथ ही इस बार टेंडर ब्रोशर की कीमत 10 हजार रुपए थी, उसे भी कम किया जाएगा, ताकि अगली बार अधिक से अधिक लोग नीलामी प्रक्रिया में भाग ले सकें.

इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की नीलामी प्रक्रिया में अधिकारी.

उधर राज्य कर एवं आबकारी विभाग के संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने बताया कि इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की नीलामी में 11 गूगल सब लोटस बनाए गए थे, जिसमें से 5 सबलोटस बिक गए हैं. इसने 6 करोड़ 36 लाख 53 हजार 651 रुपये प्राप्त हुए हैं. कंपनी को नीलाम करने के लिए 6 मुख्य लोटस में बांटा गया था. इसमें तीन लोटस में कंपनी का प्लाट और तीन लॉट्स में कंपनी की मशीनरी शेड आदि रखे गए थे.

इन लॉट्स को आगे सब लॉट्स में डिवाइड किया गया था. 11 सब लोटस में से पांच सब लोट बिके हैं. जबकि बिल्डिंग और शेड के 32 सब लॉट्स में से एक लॉट्स बिका है. उन्होंने बताया कि नीलामी के अंतिम चरण में कंपनी की जमीन बेची जाएगी. जब कंपनी के अंदर की सभी मूवेबल असेट्स नीलाम हो जाएंगे, उसके बाद कंपनी की भूमि की नीलामी होगी. उन्होंने बताया कि हाइकोर्ट ने 18 जनवरी को कंपनी की नीलामी तिथि निर्धारित की थी और इसी के तहत बुधवार को यह नीलामी प्रक्रिया आयोजित की गई थी.

इंडियन टेक्नोमैक कंपनी.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि इंडियन टेक्नोमैक कंपनी ने 2008 से 2014 तक 2175 करोड़ रुपए की वेट चोरी की थी, जिसे वर्ष 2014 में राज्य कर एवं आबकारी विभाग की इंटेलिजेंस यूनिट की टीम ने पकड़ा था. कंपनी के प्रबंधकों ने धोखाधड़ी कर एक दर्जन बैंकों से भी 1600 करोड़ का कर्ज लिया हुआ था. इसके अतिरिक्त आयकर विभाग, श्रम विभाग, ईपीएफ और बिजली बोर्ड के करीब 1200 करोड़ रुपये की देनदारियां भी सामने आई. कुल मिलाकर 2014 में सील की गई इंडियन टेक्नोमैक कंपनी ने करीब 6000 करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया था.

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