नाहन: भारत सरकार के महत्वकांशी जल संरक्षण अभियान में अब युवा वर्ग भी शामिल हो गया है. युवा वर्ग अपने साहस व परिश्रम से प्राचीन जल स्त्रोतों को जीवित करने में जुट गया है. सिरमौर जिला के नाहन क्षेत्र में सैनवाला गांव के युवाओं ने प्राचीन जल स्त्रोतों को जीवित करने का काम कर दिखाया है. सैनवाला गांव में स्कूल के पीछे जंगल के ऊपरी हिस्से में एक प्राचीन तालाब था, जोकि देखरेख के अभाव में समाप्त हो चुका था.
प्राचीन जल स्त्रोतों को जीवित करने का कार्य करते हुए युवा जानकारी के अनुसार नेहरू युवा केंद्र सिरमौर ने पहल करते हुए पंचायत के साथ मिलकर यहां पर एक श्रमदान जल संरक्षण शिविर का आयोजन किया और तीन दिनों में इस तालाब को उपयोग योग्य बना दिया. युवा मंडल व एनएसएस के स्वयंसेवक मिलकर इस तालाब को उपयोग योग्य बनाने में काम कर रहे थे. नेहरू युवा केंद्र द्वारा इस प्रकार के 7 तालाब और बनाए जाएंगे.
वहीं नेहरू युवा केंद्र के प्रभारी सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि युवा केंद्र ने यहां पर तीन दिवसीय शिविर लगाया था और आज यह उसी का परिणाम है कि प्राचीन तालाब दोबारा उपयोग करने योग्य बन गया है. उन्होंने कहा कि भविष्य में इस अभियान के तहत ओर भी जल संरक्षण के कार्य किए जाएगें.
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उधर नेहरू युवा केंद्र के युवाओं ने बताया कि जल स्त्रोत हमारे लिए बहुत आवश्यक है. लोग इस अभियान से जुड़ रहे हैं, ताकि सभी जगह पर जल का संरक्षण किया जा सके. युवाओं ने अन्य लोगों को भी इस अभियान में सहयोग देने की अपील की है. इससे स्पष्ट होता है कि युवाओं में भी जल सरंक्षण को लेकर एक विशेष जोश है, जिससे अन्य लोगों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए.