पांवटा साहिब: सात संदूकों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें ...आज इंसा को को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत..... मशहूर शायर बशीर बद्र की यह पंक्तियां पांवटा साहिब के ऊपरभगानी गांव की अनेकता में एकता की इस दौर में तस्वीर देखकर यूं ही बरबस मुंह से निकल रही है. कोरोना हारेगा देश जीतेगा इस सपने को साकार करने के लिए मुस्लिम बहुल गांव ऊपर भंगाणी के नवयुवक मंडल के हिंदू और मुस्लिम एक साथ मिलकर जंग लड़ रहे हैं. युवाओं ने लोगों के घरों के बाहर लक्ष्मण रेखाएं खींच दीं है.
इस महामारी से युद्द जीतने के लिए यह किसी बड़े हथियार से कम नहीं है. पांवटा साहिब से मात्र 25 किलोमीटर दूर भंगाणी के युवाओं ने लॉकडाउन-2 के बाद जैसे ही कोरोना वायरस संक्रमण का ग्राफ बढ़ता देखा. युवाओं ने घरों के बाहर लक्ष्मणरेखा खींचना शुरु कर दिया. सभी घरों में यह संदेश देकर बताया भी गया घरों से बाहर न निकले. हर तरह की सुविधा घरों के अंदर पहुंचाई जाएगी. अगर आवश्यक काम हो तो एक सदस्य घर से निकले.
बुजुर्ग तारो ने बताया हम लक्ष्मण रेखा का पालन कर रहे हैं और सुरक्षित हैं. एक सदस्य ही घर से बाहर निकलता है. हम परिवार के अलावा किसी से नहीं मिलते. स्कूली छात्रों का कहना है कि घरों के बाहर लक्ष्मण रेखा का पालन कर रहे हैं. घर के अंदर एक्सरसाइज करते हैं.. वीडियो गेम खेल कर या पढ़ाई करके अपना समय व्यतीत कर रहे हैं.