हिमाचली स्ट्रॉबरी की पड़ोसी राज्यों में बढ़ी डिमांड, अच्छे दाम मिलने से उत्पादक खुश - स्ट्रॉबरी की खेती
हिमाचली स्ट्रॉबरी की पड़ोसी राज्यों में मांग बढ़ गई है. बता दें कि इस बार प्रदेश में भारी मात्रा में स्ट्रॉबरी का उत्पादन हुआ है जिससे किसानों और बागवानों को बहुत फायदा हुआ है. वहीं, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं.
हिमाचली स्ट्रॉबरी
नाहन: प्रदेश के जिला सिरमौर के उपमंडल पांवटा साहिब में पैदा हो रही स्ट्रॉबरी की डिमांड पड़ोसी राज्यों में काफी अधिक हो रही है. यही नहीं स्ट्रॉबरी के अच्छे दाम मिलने से उत्पादक भी बेहद खुश है. साथ-साथ स्ट्रॉबरी की खेती से युवाओं की आर्थिक स्थिति भी मजबूती की ओर बढ़ रही है.
बताया जाता है कि स्ट्रॉबरी कई बीमारियों से लड़ने में सक्षम है. डायबिटीज, गैस व गुर्दे सहित अन्य बीमारियों से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता है. स्ट्रॉबेरी के 100 ग्राम फल में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन बी और सी की प्रचुर मात्रा होती है.
स्ट्रॉबरी का उत्पादन करने वाले किसानों का मानना है कि इस बार अच्छी फसल हुई है. स्ट्रॉबेरी के अच्छे दाम भी मिलने के कारण क्षेत्र के किसानों को काफी लाभ मिल रहा है. वहीं, स्ट्रॉबेरी से रोजाना 1000 से 1500 रुपये का फायदा हो रहा है.