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दिव्यांग हैं तो घर बैठें! डिप्टी डायरेक्टर निरीक्षण ने अध्यापक को दी सलाह, नहीं लगाने दी हाजिरी

जिला मुख्यालय नाहन में शिक्षा विभाग के अधिकारी पर एक दिव्यांग शिक्षक ने प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं. शिक्षक ने लिखित तौर पर उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक को इस पूरे घटनाक्रम से अवगत करवा दिया है. वहीं, उपनिदेशक निरीक्षण स्पष्ट तौर पर कह रहे हैं कि अगर फिल्ड में जाकर काम नहीं होगा तो हाजिरी नहीं लगेगी.

दिव्यांग शिक्षक महेश गुप्ता

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Published : Aug 8, 2019, 11:10 AM IST

Updated : Aug 8, 2019, 12:06 PM IST

नाहन: जिला मुख्यालय नाहन में शिक्षा विभाग के अधिकारी पर एक दिव्यांग शिक्षक ने प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं. हाल ही में उपनिदेशक कार्यालय निरीक्षण में तबादला होकर आए दिव्यांग शिक्षक को उपनिदेशक निरीक्षण ने हरेक स्कूल निरीक्षण के लिए फील्ड में जाने के जारी किए हैं.

शिक्षक महेश गुप्ता 65 प्रतिशत दिव्यांग है. उपनिदेशक निरीक्षण ने फील्ड से ही कार्यालय को आदेश दे दिए कि शिक्षक महेश गुप्ता की हाजिरी कार्यालय में नहीं लगाई जाए. ऐसे में दिन भर शिक्षक महेश साहब के आने का इंतजार करते रहे ताकि वे अपनी हाजिरी लगा सके. स्पष्ट तौर पर अधिकारी ने शिक्षक को फरमान जारी करते हुए सलाह दी कि अगर वे निरीक्षणों के दौरान नहीं जा सकते तो वे छुट्टी लेकर घर पर बैठें.

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दिव्यांग शिक्षक महेश गुप्ता की मानें तो हाल ही में हाईकोर्ट ने भी शिक्षा विभाग को उनसे टूरिंग न करवाने के निर्देश जारी किए हैं. महेश गुप्ता ने बताया कि 30 साल की सेवाओं के दौरान वे हादसों की वजह से 65 प्रतिशत दिव्यांग हैं, जिसका प्रमाण पत्र भी है. शिक्षक ने कहा कि हाईकोर्ट ने विभाग को उनसे टूरिंग न करवाने के निर्देश भी जारी किए हैं, लेकिन कोर्ट के आदेशों को भी मानने से इंकार किया जा रहा है.

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बार-बार दबाव बनाया जा रहा है कि अगर वे निरीक्षण पर नहीं जाते हैं, तो छुट्टी लेकर घर बैठ जाएं. उन्हें दिन भर हाजिरी नहीं लगाने दी गई. पिछले 3 से 4 दिनों से उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्होंने इस मामले में शिक्षा विभाग के निदेशक को भी अवगत करवा दिया है.

वहीं, उपनिदेशक निरीक्षण कार्याल राकेश कुमार शर्मा ने कहा कि निरीक्षण कार्यालय का मतलब स्कूलों की निरीक्षण करना होता है. ऑफिस में ज्यादा कार्य होता नहीं है. शिक्षक को सुबह पांवटा साहिब की तरफ निरीक्षण के दौरान जाने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने कोई रिस्पोंस नहीं दिया. इसके बाद कार्यालय आने पर जब शिक्षक ने उनसे संपर्क किया तो उन्होंने उन्हें पांवटा साहिब आने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि शिक्षक को घर जाने के लिए कोई सलाह नहीं दी गई, लेकिन हाजिरी तभी लगेगी, जब कार्य होगा.

राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देशों के मुताबिक उक्त शिक्षक को उन इलाकों में निरीक्षण के लिए नहीं कहा गया है, जहां पर उनके स्वास्थ्य पर कोई विपरीत असर पड़े, बल्कि उन्हीं जगहों पर जाने के लिए कहा गया है, जहां वह आसानी से टीम के साथ गाड़ी में बैठकर जा सके.

फिलहाल, शिक्षक ने लिखित तौर पर उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक को इस पूरे घटनाक्रम से अवगत करवा दिया है. वहीं, उपनिदेशक निरीक्षण स्पष्ट तौर पर कह रहे हैं कि अगर फिल्ड में जाकर काम नहीं होगा तो हाजिरी नहीं लगेगी.

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Last Updated : Aug 8, 2019, 12:06 PM IST

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