निजी विद्यालयों से सरकारी विद्यालयों की तरफ विद्यार्थियों का रूझान बढ़ा नाहन:शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल के लिए अच्छी खबर है. यहां निजी स्कूलों के मुकाबले सरकारी स्कूलों की तरफ विद्यार्थियों का रुझान बढ़ रहा है. प्रदेश में 66 प्रतिशत बच्चे सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. सिरमौर जिले में यह आंकड़ा 80 प्रतिशत तक जा पहुंचा है, जो राष्ट्रीय व राज्य स्तर के मुकाबले 11 प्रतिशत अधिक है. यह खुलासा एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) में हुआ है.
असर की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी स्कूलों में बढ़ रही विद्यार्थियों की संख्या: दरअसल वर्ष 2005 से लगातार केंद्र सरकार के माध्यम से सभी राज्यों में शिक्षा की उत्कृष्टता और सुविधाओं को लेकर एक सर्वे करवाया जाता है, जिसे एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) के नाम से जाना जाता है. ताजा रिपोर्ट 18 जनवरी 2023 को आई हैं, जिसमें राष्ट्रीय, राज्य व जिला स्तर तक की रिपोर्ट को शामिल किया गया है. यह रिपोर्ट डाइट प्रिंसिपल ऋषिपाल शर्मा को भी प्रथम संस्था की टीम ने सामूहिक रूप से सौंपी है. इस दौरान संस्था की जिला समन्वयक बबली पुंडीर, राज्य समन्वयक हरीश व अशोक सहित अन्य टीम सदस्य उपस्थित रहे. असर की रिपोर्ट में प्रदेश के साथ-साथ सिरमौर जिला के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
सिरमौर में 80 प्रतिशत छात्र सरकार स्कूलों में पढ़ रहे हैं राष्ट्रीय, राज्य व जिला स्तर पर भी सरकारी स्कूलों में बढ़ी बच्चों की संख्या: समग्र शिक्षा अभियान के परियोजना अधिकारी एवं डाइट नाहन के प्रिंसिपल ऋषिपाल शर्मा ने बताया कि इसी साल 18 जनवरी को आई एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट में सामने आया है कि निजी विद्यालयों से सरकारी विद्यालयों की तरफ विद्यार्थियों का रुझान बढ़ा है. राष्ट्रीय, राज्य व जिला स्तर पर भी सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है. बताया कि शिक्षा की उत्कृष्टता और सुविधाओं को लेकर यह सर्वे किया जाता है, जिसमें हर प्रदेश से जिला स्तर पर 30 स्कूलों को शामिल किया जाता है. यह सर्वे प्राइमरी और प्री प्राइमरी स्कूलों के लिए होता है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में प्रदेश में सरकारी स्कूलों के प्रति बच्चों का रुझान बढ़ना एक अच्छा संकेत माना जा सकता है.
रिपोर्ट में प्रदेश का यह आंकड़ा आया सामने: जिला परियोजना अधिकारी ने बताया कि 2014 में राष्ट्रीय स्तर पर 65 प्रतिशत बच्चे सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे, लेकिन 18 जनवरी को हाल ही की रिपोर्ट में यह आंकड़ा 73 प्रतिशत तक पहुंच गया है. इसी प्रकार 2014 में हिमाचल प्रदेश में 65 प्रतिशत बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे थे. 2018 में यह आंकड़ा थोड़ा घटकर 58 प्रतिशत तक आ पहुंचा. मगर अभी की रिपोर्ट में प्रदेश में यह आंकड़ा फिर से बढ़कर 66 प्रतिशत तक हो गया है.
सिरमौर में 11 प्रतिशत की वृद्धि, 80 प्रतिशत पहुंची संख्या:जिला परियोजना अधिकारी के मुताबिक यदि रिपोर्ट में राष्ट्रीय व हिमाचल प्रदेश के आंकड़ों की तुलना करें, तो सिरमौर जिला राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर की एवरेज में कहीं आगे निकल गया है. उन्होंने बताया कि जिले में पहले 69 प्रतिशत विद्यार्थी ही सरकारी स्कूलों में शिक्षण ग्रहण कर रहे थे, जिसकी संख्या हाल की रिपोर्ट में 80 प्रतिशत तक पहुंच गई है. इसमें 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो राष्ट्रीय व राज्य स्तर से कहीं अधिक है. हालांकि नामांकन बढ़ोतरी के लिए यह रिपोर्ट सकारात्मक परिणाम लेकर आई हैं, लेकिन सीखने के परिणामों को लेकर कुछेक चुनौतियां भी सामने आई हैं, जिसे दूर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
निजी स्कूलों का दामन छोड़ सरकारी स्कूलों में पहुंच रहे बच्चे: ऋषिपाल शर्मा ने बताया कि रिपोर्ट के यह भी बात सामने आई है कि निजी स्कूलों से भी बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए सरकारी स्कूलों में पहुंच रहे हैं. समग्र शिक्षा कीगतिविधियां, प्री-प्राइमरी की बेहतर सुविधाएं, ई-संवाद आदि का सही क्रियान्वयन इस दिशा में सकारात्मक परिणाम लेकर आया है. इसके लिए जिले के प्रशासनिक अधिकारियों, शिक्षा विभाग के अधिकारियों सहित शिक्षकों आदि सभी का अहम योगदान रहा है, जिसके लिए सभी बधाई के पात्र है. कुल मिलाकर वर्ष 2022 में प्रदेश में सरकारी स्कूलों के प्रति बच्चों का रुझान बढ़ना एक अच्छा संकेत माना जा सकता है.
ये भी पढ़ें:हिमाचल में वन विभाग में भारी फेरबदल, सुक्खू सरकार ने बदले 40 आईएफएस व एचपीएफएस अफसर