हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

पांवटा साहिब में लीची पर लॉकडाउन का साया, बागवानों को नहीं मिल रहे सही दाम

पांवटा साहिब में कोरोना वायरस के कारण गए लॉकडाउन और कर्फ्यू से लीची की खेती करने वाले बागवानों पर बुरा प्रभाव पड़ा है. खेतों में फसल लगभग पक कर तैयार है, लेकिन बागवानों को लीची के सही दाम नहीं मिल रहे.

gardeners are not getting the right price for litchi
पांवटा में लीची की खेती पर लॉकडाउन का साया

By

Published : May 31, 2020, 11:00 PM IST

पांवटा साहिब: कोरोना वायरस अब लोगों की जिंदगी में वो नासूर बनता जा रहा है. जिसे भरने में सालों लग जाएंगे. इस महामारी ने हर तबके को प्रभावित किया है. गरीब से लेकर अमीर, उद्योगपति से लेकर किसान. इस वैश्विक बीमारी से कोई अछूता नहीं रहा.

इस वायरस का सबसे बुरा असर बागवानों पर भी पड़ा है. जिसने आम से लेकर लीची की मिठास को भी कड़वाहट में बदल दिया है. आज ईटीवी भारत आपको पांवटा साहिब में मौजूद लीची के बगीचों में ले जाएगा. जहां बागवान लॉकडाउन और कोरोना वायरस की वजह से अपनी महेनत और फसल को बरबाद होते हुए देख रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

बागवानों ने शायद ही ऐसा सोचा हो कि लॉकडाउन बढ़ने के साथ-साथ उनकी मूसीबते भी बढ़ती जाएंगी. पहले इन्हें लीची के पेड़ों पर स्प्रे करने के लिए मजदूर नहीं मिले और उसके बाद खराब मौसम इनका बार-बार इम्तेहान लेता रहा. जैसे-तैसे कुछ फसल बच गई तो अब आलम ये है कि बागवानों को लीची के सही दाम नहीं मिल रहे.

लीची की खेती करने वाले बागवानों से लेकर इन्हें बेचने वाले व्यापारी और ठेकेदार.सब के सब लॉकडाउन और कर्फ्यू के आगे बेबस हो गए हैं. शहर में लगे कर्फ्यू से बागवानों को बागों की देखरेख खुद ही करनी पड़ रही है. बागवानों का कहना है कि इस बार भारी ओलावृष्टि ने भी फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है.

बता दें कि मुश्किल हालातों के बावजूद भी पांवटा के दून घाटी में इस साल लीची की बंपर पैदावार हुई है, लेकिन ये फसल बागवानों के गले की वो हड्डी बन गई है, जिसे ना निगला जा सकता है और ना चबाया जा सकता है. एक तरफ मौसम बागवानों का दुश्मन बना हुआ है तो दूसरी ओर फसल की अच्छी कीमत ना मिलने का डर बागवानों और किसानों को खाए जा रहा है.

लीची की बंपर फसल तो तैयार है लेकिन खरीदार दूर-दूर तक नहीं है. खरीदारों को डर इस बात का है कि लीची की खपत बाहरी राज्यों में होती है. ऐसे में हिमाचल से दूसरे राज्यों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है.

ये भी पढ़ें:रामपुर में 55 रूटों पर चलेंगी बसें, ऑनलाइन बुकिंग की नहीं होगी जरूरत

ABOUT THE AUTHOR

...view details