नाहन: 40 सालों से ज्यादा का समय बीत गया, लेकिन 25 जून की तारीख आते ही देश में लागू इमरजेंसी की यादें ताजा हो जाती है. साल 1975 में आज ही के दिन पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू किया था. इसी आपातकाल के दौरान पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा ने भी नाहन सेंट्रल जेल में करीब एक साल का समय बिताया.
4 दशक का समय बेशक बीत गया हो, लेकिन 25 जून की तारीख आज भी नाहन जेल में बंद रहे नेताओं को उस समय की याद दिला देती है. इन नेताओं में पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा भी शामिल हैं. श्यामा शर्मा ने इमरजेंसी के हालातों को याद करते हुए अपने अनुभवों को सांझा किया.
श्यामा शर्मा बताती हैं कि इमरजेंसी के उस हालात से हम सभी नई ऊर्जा लेकर निकले थे, हालांकि देश में वह दौर बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण था. सारे ही फंडामेंटल राइटस सस्पेंड हो गए थे. तानाशाही पूरी तरह से बढ़ रही थी. लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने स्थिति को भांपते हुए सारे देश के अंदर एक बहुत बड़ा आंदोलन चलाया था और उस आंदोलन में वह बेहद करीब से जुड़ी और उक्त आंदोलन में उनकी बहुत भागीदारी भी रही. श्यामा शर्मा ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान नाहन में आकर भी काम किया.
1975 में आपातकाल के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पांवटा साहिब के समीप बनाए जा रहे खोदरी माजरी यमुना हाइड्रो प्रोजेक्ट के खिलाफ मोर्चा खोला था. मजदूरों के शोषण के खिलाफ आंदोलन छेड़ा था. वे करीब एक साल तक भूमिगत रही. ये भारत वर्ष का संभवतः सबसे बड़ा आंदोलन था. उसके बाद वे यहां आ गई. यहां जयप्रकाश नारायण के साथ जुड़ गए.