राजगढ़: कोरोना काल के दौरान किसानों ने अपनी प्रमुख नकदी फसल लहसुन को निकालकर व सूखा कर स्टोर कर दी है. भले ही अच्छे साइज के लहसुन का रेट 110-120 रुपए किलो तक पहुंच गया है लेकिन किसान इस दाम पर भी लहसुन बेचने को तैयार नहीं हैं. इसका प्रमुख कारण पिछले वर्ष किसानों को मिले 180-190 रुपए किलो दाम है. किसान इस वर्ष भी रेट 150 रुपए किलो तक जाने की आस लगाए हुए हैं.
किसानों को लहसुन के दाम में बढ़ोतरी का इंतजार
किसानों को पहले लहसुन के दाम खेतों से ही 100 रुपये प्रति किलो तक मिले जोकि बाद में 80-90 रुपए तक कम हो गए थे लेकिन इसमें अब एक बार फिर उछाल आया है और अब अच्छे साइज के सुपर क्वालिटी के दाम 110-120 रुपए तक व्यापारी देने को तैयार हैं लेकिन किसान अभी दाम और बढ़ने की आस में बिक्री नहीं कर रहे हैं. लहसुन उत्पादक ने बताया कि ट्रिपल ए ग्रेड के लहसुन के दाम 110 से 120 रुपए, ए ग्रेड 90 से 100 रुपए तक है.
बरसात के बाद लहसुन की बिक्री करते हैं किसान
जानकारी के अनुसार यहां पूरे क्षेत्र में लहसुन की बंपर फसल होती है और यहां के किसान सबसे आखिर में बरसात के बाद लहसुन की बिक्री करते हैं. पिछले साल भले ही यहां किसानों को लहसुन के दाम प्रति किलो 190 रुपए तक मिले हों लेकिन व्यापारियों को सीजन के अंत में नुकसान होने से किसानों के लाखों रुपए नहीं मिल पाए. इसलिए वह नकद पैसा देने वालों को ही इस बार फसल बेचने की तैयारी में हैं.