हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

आपदा में इनके जज्बे को सैल्यूट: कहीं पोकलेन पर चढ़, कहीं उफनती खड्डों को पार कर जनता तक पानी पहुंचाने का प्रयास

हिमाचल में मानसून कहर बनकर बरस रहा है. ऐसी विपदा की इस घड़ी में जल शक्ति विभाग के अधिकारियों से लेकर पूरा फील्ड स्टाफ लोगों की प्यास बुझाने के लिए अपने जान जोखिम में डालकर अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

employees of jal shakti department sirmaur in Himachal Flood
आपदा में जल शक्ति विभाग के कर्मियों के जज्बे को सलाम

By

Published : Jul 15, 2023, 10:12 PM IST

कहीं पोकलेन पर चढ़, कहीं उफनते खड्डों को पार कर जनता तक पानी पहुंचाने के प्रयास

सिरमौर:चाहे कोरोना काल का समय रहा हो या फिर अब बरसात के दौरान आपदा का. विपदा की इस घड़ी में जल शक्ति विभाग के अधिकारियों से लेकर पूरा फील्ड स्टाफ लोगों की प्यास बुझाने के लिए 24 घंटे कार्य कर रहा है. जान जोखिम में डालकर काम करने वाले फील्ड स्टाफ की ये हैरान कर देने वाली तस्वीरें सिरमौर जिले के दुर्गम क्षेत्रों शिलाई, रेणुकाजी और पच्छाद की हैं, जहां संबंधित कर्मियों की थोड़ी से भी चूक, उनके जीवन पर भारी पड़ सकती है, लेकिन अपने कर्त्तव्य से बंधे ये जाबांज कर्मचारी अपने कार्य को बखूबी अंजाम दे रहे हैं.

दरअसल, पिछले 5-6 दिनों में हुई भारी वर्षा से पूरे जिले में जल शक्ति विभाग की सैंकड़ों पेयजल योजनाएं ठप होकर रह गई. बहुत सी योजनाओं की पाइप लाइनें ऐसी खतरनाक जगहों पर क्षतिग्रस्त हुई, जहां थोड़ी सी भी चूक जिंदगी पर भारी पड़ सकती है. आम आदमी तो ऐसी स्थिति में मौके पर पहुंचने की सोच भी नहीं सकता. बरसात से जिले के अधिकतर क्षेत्रों में पेयजल संकट गहरा चुका था. पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई थी. यह एक कड़वी सच्चाई है कि पेयजल किल्लत के बीच आम जन भी जल शक्ति विभाग को निरंतर कोस रहा था, लेकिन ये तस्वीरें लोगों को हैरान जरूर कर देंगी कि किस तरह से आपदा की इस घड़ी में फिल्ड स्टाफ अभी भी काम कर रहा है.

जान जोखिम में डालकर बुझा रहे लोगों की प्यास: जल शक्ति विभाग के कर्मी पेयजल लाइनों को क्षतिग्रस्त करने के लिए कहीं पोकलेन मशीन पर चढ़कर पहाड़ पर से गुजर रही क्षतिग्रस्त लाइन को ठीक कर रहे है, तो कहीं उफनते खड्डों को पार कर रहे हैं. कहीं खड्डों के बीच व किनारों पर जान जोखिम में डालकर मरम्मत का काम कर रहे हैं. कहीं मलबे में मीलों दूर चलकर क्षतिग्रस्त लाइनों को ठीक किया जा रहा है. कहीं भरी बरसात में तिरपाल डालकर लाइनों की मरम्मत की जा रही है. अब भी जगह-जगह भूस्खलन होने का खतरा मंडरा रहा है. ऐसी बहुत सी कठिन परिस्थितियों में विभाग पेयजल आपूर्ति करने के लिए भरसक प्रयास कर रहा है. विभाग के अधिकारी भी रात-रात भर मौके पर डटे हुए है. इन्हीं के कठिन प्रयासों का नतीजा है कि जिला में अधिकतर पेयजल योजनाओं को शुक्रवार देर रात तक बहाल कर दिया गया. शेष पर भी निरंतर कार्य चल रहा है.

'लोगों से विभाग को सहयोग करने की अपील': सीधे शब्दों में कहे तो आपदा की इस घड़ी में कोरोना काल के दौरान स्वास्थ्य विभाग की तर्ज पर ये वॉरियर्स भी विपदा के इस समय में अपने परिवारों की परवाह किए बिना लोगों के घरों में पानी पहुंचाने के लिए निरंतर कार्यरत है. वहीं, जल शक्ति विभाग नाहन सर्कल के अधीक्षण अभियंता राजीव महाजन ने माना कि बरसात में जल शक्ति विभाग की अधिकतर पेयजल योजनाएं ठप हो गई, जिनकी मरम्मत करना विभाग का काम है. यह सही है कि जिला में बहुत से दुर्गम क्षेत्रों में फील्ड स्टाफ जोखिमपूर्ण क्षेत्रों में भी मरम्मत का कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी और कर्मचारी 24 घंटे फील्ड में कार्य कर रहे हैं, ताकि सभी पेयजल योजनाओं को दुरूस्त कर लोगों को पेयजल आपूर्ति की जा सके. उन्होंने लोगों से भी पेयजल की बर्बादी न करने और विभाग के सहयोग की अपील की है.

बता दें कि 8 से 13 जुलाई तक जिले में भारी बरसात से जल शक्ति विभाग को सिरमौर में करीब 70 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. इस दौरान विभाग की जिला में कुल 1209 पेयजल योजनाओं में से विभिन्न मंडलों में 457 योजनाएं ठप हो गई, जिनमें से 434 योजनाओं को शुक्रवार देर रात तक बहाल कर दिया गया, शेष योजनाओं को भी अगले 3 से 5 दिन में चालू कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें:Himachal Flood: बारिश से ऊना, बिलासपुर और हमीरपुर में PWD को करीब 140 करोड़ रुपये का नुकसान

ABOUT THE AUTHOR

...view details