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शिमला से पैदल चलकर नाहन पहुंचा दिव्यांग श्रमिक, पुलिस ने हर कदम पर की सहायता - दिव्यांग श्रमिक की न्यूज

अहम बात यह रही कि इस दौरान जहां सुरेश कुमार खुद पूरी तरह से सतर्कता बरतता रहा, वहीं इस सफर में पुलिस भी उसकी मददगार बनती रही. गुरुवार दोपहर को जब सुरेश नाहन पहुंचा तो यहां भी यातायात पुलिस ने उसकी पूरी सहायता की. जहां उसे फल, बिस्कुट व मास्क आदि उपलब्ध करवाए गए. वहीं, उसे सतौन में स्थित उसके घर तक पहुंचाने के भी प्रयास किए गए.

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शिमला से पैदल चलकर नाहन पहुंचा दिव्यांग श्रमिक

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Published : Mar 26, 2020, 7:21 PM IST

नाहन: प्रदेश भर में कर्फ्यू के बीच पुलिस का मानवीय चेहरा भी सामने आया है. एक दिव्यांग श्रमिक की सहायता के लिए पुलिस ने मदद को हाथ बढ़ाए और अब इस दिव्यांग को उसके घर तक सही सलामत पहुंचाने में पुलिस ने उसकी मदद की.

बुधवार सुबह 4 बजे एक टांग से दिव्यांग सुरेश कुमार शिमला से सिरमौर जिला के सतौन में स्थित अपने घर जाने के लिए निकल पड़ा. चूंकि कर्फ्यू लगा हुआ था और वाहनों की आवाजाही पर पूर्णत: प्रतिबंध था, लिहाजा वो शिमला से पैदल ही निकल पड़ा. इस बीच पुलिस ने भी उसकी जगह-जगह मदद की. जहां सुरेश कुमार बीच-बीच में पैदल चलता रहा. वहीं, पुलिस ने भी आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों के माध्यम से उसे किसी तरह नाहन पहुंचाने में सहायता की.

शिमला से पैदल चलकर नाहन पहुंचा दिव्यांग श्रमिक

अहम बात यह रही कि इस दौरान जहां सुरेश कुमार खुद पूरी तरह से सतर्कता बरतता रहा, वहीं इस सफर में पुलिस भी उसकी मददगार बनती रही. गुरुवार दोपहर को जब सुरेश नाहन पहुंचा तो यहां भी यातायात पुलिस ने उसकी पूरी सहायता की. जहां उसे फल, बिस्कुट व मास्क आदि उपलब्ध करवाए गए. वहीं, उसे सतौन में स्थित उसके घर तक पहुंचाने के भी प्रयास किए गए.

दिव्यांग श्रमिक को मास्क देते पुलिस अधिकारी

बता दें कि शिमला से नाहन तक की दूरी 135 किलोमीटर है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए दिव्यांग सुरेश कुमार ने बताया कि वह शिमला में कार्य करता है और कर्फ्यू के चलते पैदल ही अपने घर के लिए निकल पड़ा. उसने काफी सफर पैदल ही तय किया. हालांकि बीच-बीच में पुलिस ने भी उसकी मदद की. नाहन पहुंचने पर भी पुलिस उसे घर तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है.

दिव्यांग श्रमिक

नाहन के यातायात प्रभारी रामलाल ने बताया कि सुरेश कुमार नाम का यह दिव्यांग व्यक्ति बता रहा है कि वह पैदल ही शिमला से यहां पहुंचा है. प्रयास किए जा रहे हैं कि आवश्यक सेवाओं में लगे किसी वाहन में उसे सही सलामत घर तक पहुंचा दिया जाए. उक्त व्यक्ति की एक टांग आर्टिफिशियल लगी हुई है, जिसे फल, बिस्कुट आदि भी दिए गए हैं, ताकि वह भूखा न रहे.

वीडियो.

कुल मिलाकर जहां इस लंबे सफर में दिव्यांग श्रमिक सुरेश ने हिम्मत नहीं हारी, वही संयम का परिचय देते हुए पूरी सतर्कताओं का भी पालन किया और साथ ही इस बीच खाकी का जो मानवीय चेहरा सामने आया, उसके लिए भी सुरेश कुमार ने पुलिस का आभार व्यक्त किया है.

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