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गिरने की कगार पर दनोई पुल, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

संगड़ाह-रेणुका जी-नाहन मार्ग पर 2 दिन पहले क्षतिग्रस्त हुए दनोई स्टील ब्रिज के वर्टिकल पोस्ट गार्डर को लोक निर्माण विभाग ने फिलहाल वेल्डिंग कर दिया है, लेकिन नियमानुसार एसडीओ मैकेनिकल की रिपोर्ट आने तक उक्त पुल पर वाहनों की आवाजाही नहीं हो सकती. लेकिन बिना विभाग की अनुमति के पुल पर गाड़ियों का संचालन हो रहा है. ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

danoi bridge on the verge of collapse in shri Renuka ji
गिरने की कगार पर दनोई पुल

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Published : Dec 10, 2020, 1:28 PM IST

श्री रेणुका जी: संगड़ाह-रेणुका जी-नाहन मार्ग पर दो दिन पहले क्षतिग्रस्त हुए दनोई स्टील ब्रिज के वर्टिकल पोस्ट गार्डर को लोक निर्माण विभाग ने फिलहाल वेल्डिंग कर दिया है, लेकिन नियमानुसार एसडीओ मैकेनिकल की रिपोर्ट आने तक उक्त पुल पर वाहनों की आवाजाही नहीं हो सकती. प्रशासन द्वारा यहां पर दो पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था, लेकिन उनके हटने के बाद बिना विभाग की अनुमति के पुल पर गाड़ियों का संचालन हो रहा है. पुल के दूसरी बार क्षतिग्रस्त होने का मुख्य कारण भारी वाहन बताए जा रहे हैं.

1998 में उक्त पुल हुआ था क्षतिग्रस्त

लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता के अनुसार हालांकि रिपोर्ट आने के बाद उक्त पुल बसों तथा सरकार व अदालत द्वारा निर्धारित 9 टन वजनी ट्रकों का भार वहन कर सकेगा. लेकिन इस पर भारी अथवा ओवरलोडेड वाहन चले तो करीब 47 साल पुराना दोबारा क्षतिग्रस्त हो सकता है. इससे पूर्व वर्ष 1998 में भी 1973 में बना उक्त पुल क्षतिग्रस्त हो गया था तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा उस दौरान भी ओवरलोडेड ट्रक इस पुल के क्षतिग्रस्त होने कारण बताए गए थे.

विडंबना यह है कि, पिछले 22 साल से यहां न तो पुलिस, प्रशासन सरकार व विभाग द्वारा ओवरलोडिंग रोकने के प्रयास किए और न ही नया पुल बनाए जाने की डीपीआर तैयार की गई. थाना प्रभारी व डीएसपी संगड़ाह आदि अधिकारियों के अनुसार उपमंडल संगड़ाह में कहीं भी वेट ब्रिज न होने के चलते यहां ओवरलोडेड ट्रकों के चालान नहीं किए जाते हैं.

गत वर्ष माइनिंग चेकपोस्ट व वेट ब्रिज को मिली स्वीकृति

जिला खनन अधिकारी सुरेश भारद्वाज के अनुसार संगड़ाह के लिए गत वर्ष माइनिंग चैक पोस्ट व वेट ब्रिज को स्वीकृति मिली है, मगर जमीन की व्यवस्था होना शेष है. यदि उक्त पुल टूटता है. तो नया पुल बनने तक उपमंडल संगड़ाह व चौपाल की करीब डेढ़ लाख की आबादी का संपर्क जिला मुख्यालय नाहन, पांवटा, दिल्ली और चंडीगढ़ आदि से कट जाएगा, क्षेत्रवासियों ने यहां नया पुल बनाए जाने तक ओवरलोडिंग रोके जाने के ठोस उपाय न होने के लिए प्रशासन के प्रति नाराजगी जताई.

दरअसल विकास खंड संगड़ाह के अंतर्गत आने वाला यह पुल पिछले करीब चार साल से नागरिक उपमंडल नाहन के अधिकार क्षेत्र में आता है तथा एसडीएम नाहन अथवा उपायुक्त सिरमौर द्वारा इसे असुरक्षित घोषित न किए जाने के चलते संबंधित अधिकारियों ने यहां तैनात पुलिसकर्मियों को आज से हटा दिया है, बुधवार को लोक निर्माण विभाग की अनुमति अथवा क्लेरेंस के बिना क्षेत्र की लाइमस्टोन माइन से पत्थर के ट्रक निकलते देखे गए.

पुल को अनसेफ नहीं किया घोषित

डीएसपी शक्ति सिंह ने बताया कि विभाग अथवा प्रशासन द्वारा क्योंकि पुल को अनसेफ घोषित नहीं किया गया है, इसलिए वहां तैनात दो पुलिसकर्मियों को हटाया जा चुका है. उन्होंने कहा कि चूना खदान मालिकों को ओवरलोडिंग न करने के निर्देश दिए गए हैं.

9 टन से भारी वजनी वाहन गुजरने हो सकता फिर से क्षतिग्रस्त

लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संगड़ाह रतन शर्मा ने बताया कि एसडीओ मैकेनिकल द्वारा अपनी रिपोर्ट भेजे जाने के बाद नियमानुसार उक्त पुल पर यातायात बहाल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि रिपेयरिंग के बाद यदि इस स्टील ट्रस ब्रिज पर 9 टन से भारी वजन के वाहन गुजरते हैं, तो यह फिर से क्षतिग्रस्त हो सकता है.

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