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पांवटा साहिब में क्रेशर संचालक पर मजदूरों का शोषण करने का आरोप, धरने पर उतरे 35 परिवार - पांवटा साहिब लेटेस्ट न्यूज

पांवटा साहिब के मंत्रालियों के समीप क्रेशर संचालक मजदूरों का शोषण कर रहा है. जिसके चलते मजदूर व पंचायत के वार्ड मेंबर और प्रधान धरने पर उतर गए. लोगों का कहना है कि चांदी कूट रहे क्रेशर संचालक नदियों में खून पसीना बहा रहे ट्रैक्टर चालकों और मजदूरों को कम पैसे दे कर काम करवा रहे हैं और भोले भाले मजदूरों का शोषण कर मुनाफा कमा रहे हैं.

Crasher operator accused of exploiting laborers in Paonta Sahib
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Published : Oct 21, 2020, 4:25 PM IST

पांवटा साहिब:जिला सिरमौर पांवटा साहिब के मंत्रालियों के समीप क्रेशर संचालक मजदूरों का शोषण कर रहा है. जिसके चलते मजदूर व पंचायत के वार्ड मेंबर और प्रधान धरने पर उतर गए. लोगों का कहना है कि चांदी कूट रहे क्रेशर संचालक नदियों में खून पसीना बहा रहे ट्रैक्टर चालकों और मजदूरों को कम पैसे दे कर काम करवा रहे हैं और भोले भाले मजदूरों का शोषण कर मुनाफा कमा रहे हैं.

लोगों का कहना है कि दस रुपये क्विंटल माल मजदूरों का निर्धारित किया गया है. नवादा के सभी क्रेशरों में दस रुपये से लेकर 16 तक मजदूरों और ट्रैक्टर चालकों को दिया जा रहा है पर यहां पर सात रुपये से ऊपर कुछ नहीं दिया जा रहा. ऐसे में मजदूरों को घर का खर्चा चलाना बहुत मुश्किल हो गया है.

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दरअसल पांवटा साहिब के आईआईएम सिरमौर के समीप यमुना नदी पर बने क्रेशर संचालक द्वारा 35 परिवारों के लोगों की मांगें पूरी नहीं की जा रही हैं. यहां पर मजदूरी कर रहे लोगों की आजीविका का साधन मात्र यही है और क्रेशर मालिक अपने मुनाफे के चक्कर में गरीबों का शोषण कर रहे हैं.

वहीं, नितिन पाल ट्रैक्टर चालक ने कहा कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा. यह धरना जारी रहेगा. इसके अलावा मजदूरों ने भी कहा कि कई बार इस बारे में क्रेशर संचालक से बात हो चुकी है पर टालमटोल कर मजदूरों का शोषण किया जा रहा है.

वहीं, एक ट्रैक्टर चालक ताहिर ने बताया कि महंगाई के दाम आसमान छू रहे हैं. सब्जियां बस का किराया कमरे का किराया डीजल पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं सभी के दाम डबल हो चुके हैं. ऐसे में यदि सात की जगह 14 नहीं मांग रहे हैं. हम सिर्फ दस रुपये के लिए हाथ फैला रहे हैं, लेकिन उसके लिए भी उन्हें ठोकर खाने को मजबूर होना पड़ रहा है.

ट्रैक्टर चालकों का कहना है कि दस टर्न माल एक ट्रैक्टर में लाया जाए तो 700 मिलते हैं. जिसमें से 400 मजदूर को देने पड़ रहे हैं और 100 रुपए पेट्रोल और डीजल के 100 रुपए ड्राइवर का खर्चा तो 100 रुपए ट्रैक्टर की खिंचाई पिटाई में लग जाता है. ऐसे में ट्रैक्टर चालकों को इनकम बिल्कुल नाम के बराबर हो गई है. ऐसे में उनका खर्चा चलना बहुत मुश्किल हो गया है.

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इस बारे में जब पंचायत प्रधान शिक्षा देवी से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि मजदूरों की समस्या बिल्कुल जायज है और क्रेशर संचालकों को उनकी बातों को मानना ही पड़ेगा यदि उनकी बातों को नहीं माना गया तो मजदूर चुप नहीं बैठेंगे और पंचायत भी मजदूरों का साथ देगी.

पंचायत प्रधान शिक्षा देवी ने कहा कि उन्होंने अपने लेवल पर इस बारे में क्रेशर संचालक से बात की है पर अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही कोई हल निकल जाएगा.

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