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कोरोना को लेकर नगर परिषद नाहन ने लिए अहम फैसले, शव उठाने वाली गाड़ी का चार्ज किया खत्म

बुधवार को नगर परिषद नाहन की अहम बैठक आयोजित हुई. बैठक में कोरोना को लेकर विस्तार से चर्चा की गई. बैठक में कोरोना को लेकर कई अहम फैसले लिए गए. नगर परिषद की ओर से शव उठाने वाली गाड़ी का किराया मई और जून महीने के लिए खत्म कर दिया गया है. इसके अलावा कोरोना काल में काम कर रहे कर्मचारियों को इंसेंटिव भी देने का फैसला किया है.

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Published : May 5, 2021, 4:23 PM IST

नाहन: कोरोना संकटकाल को देखते हुए नगर परिषद नाहन ने कई अहम फैसले लिए हैं. इसमें मई और जून महीने के लिए शहरवासियों को राहत दी गई है. वहीं नगर परिषद के कर्मचारियों का भी विशेष ख्याल रखा गया है.

शमशानघाट में नहीं लिया जाएगा लकड़ी का शुल्क

नगर परिषद नाहन की मासिक बैठक बुधवार को नगर परिषद कार्यालय में आयोजित की गई. नगर परिषद अध्यक्ष श्यामा पुंडीर की अध्यक्षता में आयोजित इस अहम बैठक में कोविड-19 को लेकर विशेष चर्चा की गई. साथ ही कई अहम निर्णय लिए गए. इस बारे में नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अजमेर सिंह ठाकुर ने विस्तार से जानकारी दी. अजमेर सिंह ठाकुर ने बताया कि आज कोविड-19 महामारी को लेकर विशेष रूप से चर्चा की गई.

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नगर परिषद ने निर्णय लिया है कि शहर में किसी भी व्यक्ति की कोरोना या अन्य किसी भी प्रकार से मृत्यु होती है तो शव वाहन की जो 800 रूपए कीमत रखी गई थी, वह मई और जून महीने में नहीं ली जाएगी. इसके अलावा बांकुवाला में श्मशानघाट में नगर परिषद द्वारा लकड़ी के लिए ली जाने वाली राशि भी नहीं ली जाएगी. आगामी दो महीने में लकड़ी की पेमेंट नहीं ली जाएगी. समाजसेवी संस्था मुक्तिधाम द्वारा भी 150 टन लकड़ी की व्यवस्था की गई है. ये भी पूरी तरह से निशुल्क होगी.

डोर-टू-डोर कचरा उठाए जाने का शुल्क भी माफ

कार्यकारी अधिकारी ने यह भी बताया कि मई और जून महीने में कोरोना संकटकाल को देखते हुए डोर-टू-डोर कचरे की एवज सरकारी दफ्तरों को छोड़कर शहर में किसी भी घर से राशि नहीं ली जाएगी. घरों से कचरा एकत्रित करने का कार्य निरंतर चलता रहेगा. कार्यकारी अधिकारी अजमेर सिंह ठाकुर ने बताया कि कोरोना काल में नगर परिषद के जो कर्मचारी कोविड मरीजों को उठा रहे हैं, एंबुलेंस में है या फिर घरों से संक्रमित व्यक्तियों का कचरा उठाने के कार्यों में लगे हैं, उन कर्मचारियों को मई और जून महीने में वेतन के अलावा 2500 रूपए अतिरिक्त इंसेंटिव दिया जाएगा.

इसके अलावा अन्य सफाई कर्मचारियों और सेनिटाइजेशन के कार्य में लगे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी दो महीने तक वेतन के अलावा 1000 रूपए का अतिरिक्त इंसेंटिव दिया जाएगा. कार्यकारी अधिकारी ने यह भी बताया कि नगर परिषद के अधीन आने वाली दुकानों, गैराज इत्यादि का भी किराया मई और जून महीने में न लिए जाने का फैसला भी नगर परिषद ने लिया है. हालांकि इसके बाद यह किराया लिया जाएगा.

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