नाहन: उत्तर भारत की प्रसिद्ध दिव्य शक्तिपीठों में से एक मां बालासुंदरी के चरणों में बेसहारा लोगों के लिए अपना घर बनकर तैयार हो गया है. त्रिलोकपुर में मंदिर ट्रस्ट द्वारा नवनिर्मित इस भवन को अपना घर का नाम दिया जा रहा है. डीसी सिरमौर ललित जैन के प्रयासों से बेसहारा लोगों के इस अपने घर को एक निजी संस्था चलाएगी, जिसे प्रशासन की तरफ से स्वीकृति मिल गई है.
बेसहारा बच्चों और बुजुर्गों का सहारा बनेगा अपना घर, 45 कमरों के आश्रम में DC ने हर सुविधा देने का किया वादा
लोकपुर में मंदिर ट्रस्ट द्वारा बेसहारा लोगों के लिए अपना घर बनकर तैयार हो गया है. सिरमौर डीसी ललित जैन ने बताया कि अपना घर चलाने के लिए एक संस्था आगे आई है, जो इसे अपने खर्चे पर चलाना चाहती है. संस्था को अपना घर चलाने की स्वीकृति भी दे दी गई है. उन्होंने कहा कि जल्द ही यहां अपना घर होगा, जहां पर बेसहारा बच्चों को बुजुर्ग और बेसहारा बुजुर्गों को अपने बच्चे मिलेंगे.
सिरमौर डीसी ललित जैन ने बताया कि त्रिलोकपुर में मंदिर ट्रस्ट द्वारा बेसहारा लोगों के लिए अपना घर बनकर तैयार हो गया है. इस चलाने के लिए एक संस्था आगे आई है, जो इसे अपने खर्चे पर चलाना चाहती है. संस्था को अपना घर चलाने की स्वीकृति भी दे दी गई है. उन्होंने कहा कि जल्द ही यहां अपना घर होगा, जहां पर बेसहारा बच्चों को बुजुर्ग और बेसहारा बुजुर्गों को अपने बच्चे मिलेंगे.
डीसी ने उम्मीद जताई कि यह संस्थान प्रदेश के अग्रिणी संस्थान बनकर उभरेगा. उन्होंने बताया कि नवनिर्मित किए गए इस संस्थान में 45 कमरे बनाए गए हैं. तीन बड़ी डोरमेटरिज है. ललित जैन ने बताया कि अपना घर में बेसहारा लोगों को मेडिकल, मैस की सुविधा देने की कोशिश भी की जाएगी. घर में सदस्यों को हर तरह की ट्रेनिंग देने की कोशिश की जाएगी, ताकि व्यक्ति अकेला न बैठे और कुछ प्रोडक्टिव करें. साथ ही मनोरंजन की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल भी यहां स्थित है, तो यहां रहने वाले बच्चे स्कूल भी जा सकेंगे. एक घर में जो सुविधाएं होती है, वह हर प्रकार की सुविधाएं यहां प्रदान की जाएंगी.