नाहन: पॉलीथीन को संपूर्ण रूप से समाप्त करने के उद्देश्य से सिरमौर जिला प्रशासन ने एक अनूठी पहल की है. खासतौर पर जिला के ग्रामीण परिवेश को स्वच्छ बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है. वैसे तो पॉलीथीन हिमाचल प्रदेश में पूरी तरह से प्रतिबंधित है, लेकिन फिर भी चिप्स, दूध आदि का पॉलीथीन अब भी इस्तेमाल हो रहा है, लिहाजा इसी पॉलीथीन को प्रयोग में लाने की प्रशासन ने एक योजना बनाई है.
दरअसल इस योजना के तहत प्लास्टिक की बोतल में पॉलीथीन को ठूंस-ठूंस कर भरा जाता है और यह बोतल इसके बाद बहुत सख्त हो जाती है. इसे पोली ब्रिक का नाम दिया गया है. इस पोली ब्रिक को डंगे लगाने, चारदीवारी निर्माण आदि में प्रयोग किया जाएगा. पंचायत स्तर पर इस तरह एक किलो पॉलीथीन लाने वाले को स्टील की थाली व कटोरी देकर सम्मानित भी किया जाएगा.
सिरमौर के ग्रामीण क्षेत्रों में अब पॉलीथीन से बनेंगी ईंटें इसी योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए खुद डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी फिल्ड में उतरे हैं. डीसी इस योजना को सफल बनाने के लिए अन्य अधिकारियों के साथ हर पंचायत में जाकर लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ पोली ब्रिक बनाने बारे आवश्यक जानकारी दे रहे हैं. इस अभियान का उद्देश्य जिला को संपूर्ण पॉलीथीन से मुक्त करना है और साथ ही प्लास्टिक की बोतलों सहित प्लास्टिक को प्रयोग में लाना भी है.
डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि सभी पंचायतों को पोली ब्रिक बनाने बारे जागरूक किया जा रहा है. इसके दो लाभ होंगे, एक तो सारा क्षेत्र पॉलीथीन मुक्त हो जाएगा और दूसरा पॉलीथीन को डंगे लगाने आदि में ईंट के तौर पर प्रयोग भी किया जाएगा. इसी अभियान को लेकर इन दिनों पूरे जिला में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि कुल मिलाकर सिरमौर प्रशासन द्वारा शुरू की गई यह अनूठी पहल एक सराहनीय प्रयास है. अब देखना यह होगा कि प्रशासन को इस दिशा में कितनी कामयाबी मिल पाती है.
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