सिरमौर: जिला सिरमौर में दोनों पांव से लाचार और कुपोषण के शिकार बिट्टू के इलाज के लिए भीख मांगनी शुरू कर दी गई है. रोनहाट के रिमोट गांव के बिट्टू के इलाज के लिए प्रशासन और नेताओं को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया था, जो खत्म हो चुका है.
टीम ने रविवार को भीख यात्रा का आगाज करने के बाद सतौन, कमरऊ, कफोटा, जाखना और शिलाई में भीख मांगी. इस दौरान विधायक हर्षवर्धन चौहान के पुश्तैनी गांव चियोग में जाकर उनके घर वालों से भीख मांगी गई. टीम के मुताबिक विधायक हर्षवर्धन चौहान के भाई ने 500 रूपये दिए.
24 वर्षीय युवक के बारे में जब टीम बड़का भाऊ को पता चला तो धर्मशाला से रोहनाट पहुंचे और उसे गोद लिया. चेतावनी दी गई है कि अगला पड़ाव डीसी सिरमौर है, जिनसे बिट्टू के इलाज के लिए भीख मांगी जाएगी. इसके बाद राजधानी शिमला में सभी मंत्रियों विधायकों और सचिवों से भीख मांगेंगे.
बता दें कि लाचार युवक ने कैंसर से माता, टीबी से पिता और अपंगता से भाई को खो दिया है. बिट्टू के पास आज तक कोई नेता और प्रशासन आज तक नहीं पहुंचा. उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. अपाहिज बिट्टू के आगे पूरा सिस्टम अपाहिज हो चुका है. आरोप ये भी है कि बिट्टू की इस हालत के लिए सरकार का जिम्मेदार है. अगर समय रहते इलाज होता तो उसकी ये हालत नहीं होती.
पांवटा साहिब में आयोजित पत्रकार वार्ता टीम बड़का भाऊ के संस्थापक संजय शर्मा ने बताया कि आज हमें मजबूरन बिट्टू के साथ मिलकर भीख मांगनी पड़ रही है. क्योंकि सरकार और प्रशासन को बिट्टू की तकलीफ दिख नहीं रही है. शर्मा ने बताया कि विधायक के परिवार से 500 रूपये की भीख मिली है. इस दौरान टीम बड़का भाऊ के साथ बिट्टू व उसका छोटा भाई पूर्ण चंद, गांव के संतराम शर्मा और चंदन शर्मा भी जनता से इलाज़ के लिए भीख मांग रहे है.