पांवटा साहिब: पिछले साल गिरी नदी में बाढ़ आने के कारण सूरतगढ़ में ग्रामीणों की जमीन और पीपल का 200 साल पुराना पेड़ बह गया था. इस पीपल के पेड़ को ग्रामीण दशकों से पूजते आ रहे थे और जमीन पर अनाज उगाकर गांव के लोग अपने घरों का खर्च चलाते थे. इस बाढ़ के कारण 40 परिवारों की जमीन बह गई थी.
अब सरकार ने लोगों की जमीन को बचाने के लिए मनरेगा के तहत 5 लाख रुपये और वाटरशेड से जल संरक्षण के तहत 10 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है. यह दोनों काम मनरेगा और वाटरशेड जल संरक्षण के तहत किए जाएंगे.
कई सालों से ग्रामीण नेताओं सहित पांवटा प्रशासन से जमीन को बचाने की गुहार लगा रहे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. ग्रामीणों ने कई बार सीएम जयराम ठाकुर व केंद्र सरकार को पत्र भेजकर समस्या का समाधान करने की गुहार लगाई थी. पिछले साल भारी बारिश में किसानों की जमीन बह गई थी. ईटीवी भारत ने मामला उजागर करके पांवटा प्रशासन व डीसी सिरमौर डॉ. आरके परुथी तक पंहुचाया.