सिरमौर:हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा पर पांवटा साहिब में स्थित आसन बैराज झील इन दिनों मेहमान पक्षियों से गुलजार है. सात समुंदर पार से हजारों मील की दूरी तय कर आए 61 प्रजातियों के हजारों विदेशी परिंदों ने यहां दस्तक दे दी है. सर्दी का मौसम शुरू होते ही प्रवासी पक्षी यूरोप, मध्य एशिया और साइबेरिया से झील में पहुंच रहे हैं. दरअसल, सर्दियों के मौसम में विदेशों में झीलें और समुद्र की सतह जम जाती हैं, जिसके चलते विदेशी मेहमान अन्य बड़े झीलों की ओर रुख करते हैं. आसानी बैराज की बात की जाए तो यहां रोजाना सैकड़ों की तादाद में विदेशी मेहमान पहुंच रहे हैं.
स्थानीय लोगों ने बताया कि हजारों मील दूर से प्रवासी परिंदे हर साल नवंबर माह में उत्तराखंड राज्य सीमा पर पांवटा के साथ लगती स्थित आसन झील में पहुंचते हैं, पिछले साल भी 61 प्रजातियों के करीब 6 हजार परिदें हजारों मील दूर से यहां पहुंचे थे. यहां पर हर साल सर्दियों में विदेशी परिंदे 2,000 किलोमीटर से भी अधिक की दूरी तय कर पहुंचते हैं. आसन बैराज के अलावा उत्तराखंड और हिमाचल की सीमा के बीच बहती यमुना नदी में भी यह पक्षी डेरा डालते हैं.
आसन बैराज झील प्रवासी परिंदे. वन विभाग की टीमें कर रहीं विशेष गश्त:वन दरोगा और पक्षी विशेषज्ञ आसन बैराज क्षेत्र उत्तराखंड प्रदीप सक्सेना ने कहा कि हिमाचल के सिरमौर के पांवटा साहिब में आसन बैराज झील में 17 प्रजातियों के करीब 2,400 से अधिक जल पक्षी पहुंच चुके है. इनको शिकारियों से बचाने के लिए वन टीम की विशेष गश्त कर रही हैं. (Asan Barrage Lake) (Birds reached Asan Barrage).
इन प्रजातियों के पक्षी पहुंचे:पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थल विदेशी परिंदों के लिए अनुकूल है. यहां पर विदेशी परिंदों की पसंद का भोजन इस झील में मौजूद रहता है. इस बार यहां शेलडक, पिनटेल्स, रूडी, यूरेशियन शावलरए, रेड ग्रेस्टर, पोचार्ड डक, टफ्ड स्पाट, बिल मोरगेन और टील प्रजाति के पक्षी पहुंचे हैं. अक्तूबर से लेकर मार्च तक यह प्रवासी पक्षी यहीं पर रहेंगे. वहीं, इन विदेशी पक्षियों की देखरेख के लिए 7 जवानों की स्पेशल ड्यूटी लगाई लगाई गई है, जो विदेशी मेहमानों का ध्यान रख रहे हैं. पर्यटकों की बात की जाए तो यहां पर भारी तादाद में पर्यटक भी पहुंच रहे हैं. विदेशी मेहमान और पर्यटकों के आने से आसान बैराज में इन दिनों चहल-पहल बढ़ गई है.
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