नाहन:डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कोरोना काल में रखे गए करीब 110 आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के बाद बुधवार को आउटसोर्स कर्मियों का दर्द उस समय झलक पड़ा, जब वह मेडिकल कॉलेज में धरना देते हुए अपनी सेवाओं को बहाल करने की मांग कर रहे थे. आउटसोर्स कर्मियों का कहना था कि कोरोनाकाल में जब मरीजों को अपनों ने भी हाथ लगाने से इंकार कर दिया, तब मुश्किल की उस घड़ी में भी हमने जान जोखिम में डालकर अपनी सेवाएं दीं. इसका इनाम उन्हें उनकी सेवाएं समाप्त कर सरकार ने दिया है.
दरअसल गत सोमवार को मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने इन करीब 110 कर्मचारियों के लिए फरमान जारी करते हुए सरकार के आगामी निर्देशों तक इनकी सेवाएं समाप्त कर दी. कोरोना काल में आउटसोर्स पर रखे इन कर्मचारियों का सेवा विस्तार 31 मार्च तक था. लिहाजा अब काम पर न आने के फरमानों के बाद संबंधित कर्मचारियों को अपने परिवारों का पालन पोषण करने की चिंता सताने लगी है. इसमें स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वाय, प्रयोगशाला तकनीशियन, डाटा एंट्री ऑपरेटर सहित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल हैं. बता दें कि वर्ष 2019 में कोरोना काल के दौरान न्यू विजन एस्कोर्ट कंपनी की ओर से इन कर्मचारियों की तैनाती मेडिकल कॉलेज नाहन में की गई थी. इनके सेवा विस्तार को हर तीन महीने बाद बढ़ाया जा रहा था. 31 मार्च तक इनका सेवा विस्तार था. कर्मचारियों को उम्मीद थी कि आगे भी सेवा विस्तार बढ़ाया जाएगा, लेकिन उनकी उम्मीदों पर उस समय पानी फिर गया, जब मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कॉलेज में उन्हें अपनी सेवाएं देने से इंकार कर दिया.