शिमला:जिला परिषद कैडर कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है. हड़ताली जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की आज पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के साथ बैठक हुई है. इस बैठक में जिला परिषद कैडर कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष राजेश ठाकुर सहित कई पदाधिकारी शामिल हुए. इसमें कर्मचारियों ने पंचायती राज विभाग में मर्ज करने के साथ ही संशोधित वेतन व डीए जारी करने की मांग की. पंचायती राज मंत्री की ओर से कर्मचारियों को आश्वासन दिया गया कि उनकी मांगों को सरकार पूरा करेगी.
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए सरकार गंभीर है. बैठक में यह भी तय हुआ कि पंचायती राज मंत्री इन कर्मचारियों के साथ एक और बैठक करेंगे. यह बैठक 30 अक्टूबर को की जा सकती है, जिसमें जिला परिषद कैडर के विभिन्न वर्गों की मांगों को लेकर विस्तृत चर्चा की जाएगी. इसके बाद इन मांगों को लेकर सरकार कोई फैसला लेगी. इसके बाद कर्मचारियों ने हड़ताल वापस लेने का फैसला लिया. कर्मचारी सोमवार से ड्यूटी ज्वाइन कर लेंगे.
जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की बैठक पंचायती राज मंत्री के साथ हुई. पंचायती राज मंत्री ने इस बैठक में जिला परिषद कैडर कर्मचारियों से हड़ताल छोड़ने की अपील की. उनका कहना था कि सरकार उनकी मांगों को लेकर अवगत है. यही नहीं उनका व्यक्तिगत तौर पर भी मानना है कि कर्मचारियों का विभाग में मर्ज किया जाना चाहिए, लेकिन अभी सरकार की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है, ऐसे में कर्मचारियों की मांगों को अभी मान पाना मुश्किल है. क्योंकि इनमें फाइनांशियल इंप्लीकेशंस हैं.
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर जल्द ही बैठक की जाएगी, जिसमें जिला परिषद कैडर के तकनीकी, पंचायत सचिव और अन्य वर्गों की मांगों को लेकर विस्तृत चर्चा की जाएगी. इसमें कितनी फाइनांशियल इंप्लीकेशंस हैं, उनका भी आकलन किया जाएगा. इसी के आधार पर इन मांगों को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा. अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि सरकार की कार्रवाई के बाद कुछ तकनीकी कर्मचारियों ने डयूटी ज्वाइन भी कर ली थी. उन्होंने कहा जिन कर्मचारियों को बर्खास्त करने के आदेश दिए गए हैं, उनको भी वापस लिया जाएगा. कांग्रेस सरकार हमेशा कर्मचारियों के हित्तों का संरक्षण करती आई है. वर्तमान सरकार भी कर्मचारियों की मांगों और उनकी समस्याओं को लेकर संवेदनशील है.
तीन सप्ताह से हड़ताल पर हैं कर्मचारी:जिला परिषद कैडर के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर बीते 30 सितंबर से हड़ताल पर हैं. जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की प्रमुख मांग पंचायती राज विभाग मर्ज करने की है. इसके अलावा इनको सरकार ने अन्य सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर संशोधित वेतनमान भी नहीं दिया है. जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को अभी तक उनके वित्तीय लाभ भी नहीं दिए गए . इन कर्मचारियों को सरकार ने डीए किस्त भी नहीं दी है. अपनी मांगों लेकर जिला परिषद कैडर कर्मचारियों बीते जून माह में एक दिन का सामूहिक अवकाश भी कर चुके हैं. हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान भी इन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था, लेकिन सरकार द्वारा मांगें न मानने पर कर्मचारियों ने हड़ताल करने का फैसला लिया था.
सरकार ने 167 जेई को टर्मिनेशन के दिए हैं आदेश:बीते वीरवार को प्रदेश सरकार ने हड़ताल कर रहे जिला परिषद कैडर 167 जेई को टर्मिनेट करने के आदेश जारी किए. पंचायतीराज विभाग की ओर से सभी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को इन कर्मचारियों को टर्मिनेट करने के आदेश दिए गए. इनके स्थान पर आउटसोर्स पर नियुक्तियां करने को भी कहा था. हालांकि, इसके बाद कुछ तकनीकी कर्मचारी वापस काम पर लौट आए और बाकी कर्मचारियों ने भी पंचायती राज मंत्री के साथ हुई बैठक में काम पर लौटने का फैसला लिया है. इससे प्रदेश के लोगों को राहत मिलेगी क्योंकि पंचायतों में कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है.
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