शिमला: हिमाचल में बारिश का कहर जारी है. भारी बारिश की वजह से प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात है. वहीं, फिलहाल बारिश का कहर थमने वाला नहीं है. हिमाचल मौसम विभाग ने 9 जुलाई तक मैदानी, निचले और मध्य पहाड़ी इलाकों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश, तूफान और बिजली गिरने को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है. वहीं, विभाग के अनुसार 11 जुलाई तक राज्य में बारिश का पूर्वानुमान है.
हिमाचल में सड़कें पानी से लबालब हिमाचल मौसम विभाग अनुसार शिमला, मंडी, सिरमौर और सोलन जिलों में जल क्षेत्रों और अन्य चैनलों में अचानक बाढ़ आने की आशंका है. मौसम विभाग ने खड़ी फसलों, फलों के पौधों और नई पौध को नुकसान पहुंचने की आशंका जाहिर की है. साथ ही भारी बारिश से पानी और बिजली सप्लाई बाधित होने की बात कही है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार बीते दिन बुधवार को ऊना के खाड़ गांव में अचानक आई बाढ़ से लगभग 8 से 10 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए.
भारी बारिश से खेतों में जलभराव राज्य आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र के आंकड़ों के अनुसार 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल को अब तक ₹ 306.58 करोड़ का नुकसान हुआ है. सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग को ₹152.42 करोड़ का हुआ है. वहीं, जल शक्ति विभाग को ₹123.16 करोड़ और बागवानी विभाग को ₹26.22 करोड़ का नुकसान हुआ है. बारिश और भूस्खलन की वजह से करीब 38 सड़कें बंद हैं.
लैंडस्लाइड से प्रदेश की कई सड़कें बंद 5 जुलाई को हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के एक गांव में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे हरोली इलाके के एक गांव में लगभग 10 घर क्षतिग्रस्त हो गए. वहीं, ऊना जिले का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक कार सड़क पर पानी के तेज में तिनके की तरह बहता दिख रहा है. हालांकि, समय रहते चालक वाहन से कूद गया, जिससे उसकी जान बच गई.
ऊना में तिनके की तरह बही कार राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश जारी है. नाहन में 92 मिमी बारिश हुई है. इसके अलावा ऊना में 65 मिमी, कांगड़ा में 42 मिमी, पालमपुर में 32 मिमी, मंडी में 28 मिमी, कुफरी में 27.5 मिमी, धर्मशाला में 22 मिमी, नारकंडा में 16.5 मिमी और मनाली में 14 मिमी बारिश हुई है.
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