World Obesity Day 2023:हिमाचल प्रदेश के लोगों को काफीमेहनती माना जाता है. यहां की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यहां के लोगों को काफी चलना पड़ता है. जिससे वे स्वास्थ्य के लिहाज से काफी सेहतमंद माने जाते हैं. लेकिन पिछले कुछ समय से हिमाचल के लोगों में भी ओबेसिटी (मोटापा) मो के मामले सामने आ रहे हैं. जो प्रदेश के लोगों के लिए काफी चिंता का विषय है.
2020 से मार्च 4 को हर साल देशभर में वर्ल्ड ओबेसिटी डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को मोटापे से होने वाली बिमारी के प्रति जागरूक करना है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम ने शिमला स्थित आईजीएमसी के चिकित्सकों से वर्ल्ड ओबेसिटी डे पर विशेष बातचीत की. इस दौरान उन्होंने एब्डोमिनल ओबेसिटी के कारण और इससे बचने के उपाय बताइए.
डायबिटीज-हार्ट प्रॉब्लम को सीधा आमंत्रण-आईजीएमसी के चिकित्सकों ने बताया कि माेटापा डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम को सीधा आमंत्रण देता है. माेटापे से मधुमेय राेग हाेने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है. वजन बढ़ने से आर्थराइटिस, दिल, लिवर और ब्लड प्रेशर की बीमारियां हो सकती हैं. माेटापा के कारण पेट संबंधी बीमारियां, जिनमें गैस, बदहजमी और अपच की समस्या हर समय बनी रहती है. रात काे नींद न आना और डिप्रेशन में रहना भी इसके कारण हैं.
खराब लाइफस्टाइल से हो रहा मोटापा-चिकित्सकों ने बताया किदाे दशकाें के खराब लाइफस्टाइल ने माेटापा बढ़ा दिया है. पहले लाेग कई किलाेमीटर का सफर पैदल तय करते थे. लेकिन अब घर-घर सड़क पहुंच गई है. लाेग गाड़ियाें में सफर करते हैं. पैदल चलना लाेग भूल ही गए हैं. इससे माेटापा बढ़ता जा रहा है. लाेग अब व्यायाम नहीं करते इसलिए भी माेटापा बढ़ रहा है. देर रात तक जागे रहना और नींद कम लेना भी इसके कारण हैं.