हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

विश्व तंबाकू निषेध दिवस: हिमाचलियों को मौत के मुंह में धकेल रहा तंबाकू, बच्चे भी गिरफ्त में

हिमाचल में तमाम प्रयासों के बाद भी कैंसर के मरीजों में कमी नहीं आ रही है. बीमारियों से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण भी कैंसर है.हिमाचल प्रदेश की बात की जाए तो राज्य में 30 प्रतिशत लोग तंबाकू का सेवन कर रहे हैं.

By

Published : May 31, 2019, 2:28 PM IST

World No Tobacco Day

शिमलाः दुनिया भर में आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जा रहा है. धूम्रपान और तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, लेकिन अभी भी तंबाकू का सेवन करने के आदी लोग इसे अनदेखा करते हैं. तंबाकू न केवल फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है बल्कि दिल, गुर्दे और यहां तक कि शुक्राणुओं को भी नुकसान पहुंचाता है.

हिमाचल में तमाम प्रयासों के बाद भी कैंसर के मरीजों में कमी नहीं आ रही है. बीमारियों से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण भी कैंसर है. चिकित्सक की माने तो स्कूली बच्चे तंबाकू के शौकिन हुए है. इनमें खासकर आठवीं और दसवीं के बच्चे तंबाकू का सेवन कर रहे हैं और बाद में वे कैंसर की चपेट में आ जाते हैं.

प्रदेश में पुरूषों में लंग कैंसर तो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले सबसे अधिक सामने आते हैं. लंग कैंसर की अगर बात की जाए तो यह गले एवं फेफड़े आदि में होता है, जिससे मरीजों की जान तक चली जाती है. अकेले हिमाचल प्रदेश की बात की जाए तो राज्य में 30 प्रतिशत लोग तंबाकू का सेवन कर रहे हैं.

जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश के लोग तंबाकू का भारी मात्रा में सेवन कर रहे हैं. जिससे की लोग लंग कैंसर की बीमारी को खुला न्यौता दे रहे हैं. हैरत है कि प्रदेश में तंबाकू पर प्रतिबंध के बावजूद भी लोग इसका सेवन कर रहे हैं.

अगर लोगों को कैंसर की बीमारी से छुटकारा पाना है, तो सबसे पहले तंबाकू का सेवन कम करना होगा, क्योंकि अस्पताल में पूरे हिमाचल प्रदेश से तंबाकू का सेवन करने वाले मरीज ही भर्ती हो रहे हैं. जिससे की सीधा लंग कैंसर होता है. यहां तक की लंग कैंसर के मरीज की जान को आसानी से नहीं बचाया जा सकता है.

अगर भारत को छोड़कर अन्य देशों की बात की जाए तो कैंसर की बीमारी पर काफी ज्यादा काबू पाया गया है. अस्पताल में कैंसर से निपटने के लिए काफी प्रयास किए गए है, लेकिन लोगों को खुद भी इस बीमारी से बचकर रहना होगा. महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर भी कई प्रकार के होते है. ऐसे में महिलाओं के लिए यह बेहतर रहेंगे कि इससे बचाने के लिए खान पान का विशेष ध्यान रखें.

अभी तक अगर पूरे हिमाचल प्रदेश की बात की जाए तो हर साल करीब पांच हजार कैंसर पीड़ित मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. चिकित्सकों के अनुसार अंदाजा लगाया गया है कि भारत में 2030 तक कैंसर के मरीजों की संख्या एक करोड़ से भी अधिक हो सकती है.

चिकित्सकों का कहना है कि प्रदेशभर से करीब तीन हजार मरीज आईजीएमसी तो दो हजार बाहरी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं. चिकित्सकों ने लोगों को निर्देश दिए है, कि तंबाकू का सेवन न करें, खान-पान का ध्यान रखें.

हर वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है, सिर्फ इसीलिए ताकि लोगों को तंबाकू से कैंसर के होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा सके और लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जा सके. इसी कड़ी में शुक्रवार को उपनगर ढली के सरकारी स्कूल ने रैली निकाल जागरूकता अभियान चलाया. जागरूकता अभियान में सभी छात्र-छात्राओं ने स्कूल से ढली बाजार तक रैली निकाल लोगों को नशे के प्रति जागरूक किया.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस.

क्या होता है कैंसर
आसान शब्दों में कहें तो शरीर में कोशिकाओं के समूह की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर है. जब ये कोशिकाएं टिश्यू को प्रभावित करती हैं, तो कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है. कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है. यदि कैंसर का समय पर पता ना लगाया गया और उसका उपचार न हो तो इससे मौत का जोखिम बढ़ सकता है.

कई प्रकार का है कैंसर
कैंसर के कई प्रकार हैं या यूं भी कह सकते है कि कैंसर के सौ से भी अधिक रूप है. इनमें स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेन कैंसर, बोन कैंसर, ब्लैडर कैंसर, पेंक्रियाटिक कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, गर्भाशय कैंसर, किडनी कैंसर, लंग कैंसर, त्वचा कैंसर, स्टमक कैंसर, थायरॉड कैंसर, मुंह का कैंसर, गले का कैंसर वगैरह-वगैरह.

कैंसर अस्पताल शिमला के विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष का कहना है कि तंबाकू के सेवन करने और लाइफ स्टाईल के चलते लोग कैंसर की चपेट में आ रहे हैं. बच्चों को तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए ताकि वे कैंसर की चपेट में न आएं. हिमाचल में पुरूष को लंग कैंसर तो महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर हो रहा है.

आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल में कई मरीजों का उपचार चल रहा है. इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को स्वयं भी ध्यान देना होगा. लोगों को स्मोकिंग नहीं करना, नॉन वैज को कम खाना चाहिए और फास्ट फूड को भी कम ही मात्रा में खाएं. डॉ. मनीष का कहना है कि चिकित्सकों द्वारा कैंसर से बचने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः शाह ने निभाया अपना वादा, अनुराग ठाकुर को बनाया बड़ा नेता

ABOUT THE AUTHOR

...view details