शिमलाः दुनिया भर में आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जा रहा है. धूम्रपान और तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, लेकिन अभी भी तंबाकू का सेवन करने के आदी लोग इसे अनदेखा करते हैं. तंबाकू न केवल फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है बल्कि दिल, गुर्दे और यहां तक कि शुक्राणुओं को भी नुकसान पहुंचाता है.
हिमाचल में तमाम प्रयासों के बाद भी कैंसर के मरीजों में कमी नहीं आ रही है. बीमारियों से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण भी कैंसर है. चिकित्सक की माने तो स्कूली बच्चे तंबाकू के शौकिन हुए है. इनमें खासकर आठवीं और दसवीं के बच्चे तंबाकू का सेवन कर रहे हैं और बाद में वे कैंसर की चपेट में आ जाते हैं.
प्रदेश में पुरूषों में लंग कैंसर तो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले सबसे अधिक सामने आते हैं. लंग कैंसर की अगर बात की जाए तो यह गले एवं फेफड़े आदि में होता है, जिससे मरीजों की जान तक चली जाती है. अकेले हिमाचल प्रदेश की बात की जाए तो राज्य में 30 प्रतिशत लोग तंबाकू का सेवन कर रहे हैं.
जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश के लोग तंबाकू का भारी मात्रा में सेवन कर रहे हैं. जिससे की लोग लंग कैंसर की बीमारी को खुला न्यौता दे रहे हैं. हैरत है कि प्रदेश में तंबाकू पर प्रतिबंध के बावजूद भी लोग इसका सेवन कर रहे हैं.
अगर लोगों को कैंसर की बीमारी से छुटकारा पाना है, तो सबसे पहले तंबाकू का सेवन कम करना होगा, क्योंकि अस्पताल में पूरे हिमाचल प्रदेश से तंबाकू का सेवन करने वाले मरीज ही भर्ती हो रहे हैं. जिससे की सीधा लंग कैंसर होता है. यहां तक की लंग कैंसर के मरीज की जान को आसानी से नहीं बचाया जा सकता है.
अगर भारत को छोड़कर अन्य देशों की बात की जाए तो कैंसर की बीमारी पर काफी ज्यादा काबू पाया गया है. अस्पताल में कैंसर से निपटने के लिए काफी प्रयास किए गए है, लेकिन लोगों को खुद भी इस बीमारी से बचकर रहना होगा. महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर भी कई प्रकार के होते है. ऐसे में महिलाओं के लिए यह बेहतर रहेंगे कि इससे बचाने के लिए खान पान का विशेष ध्यान रखें.
अभी तक अगर पूरे हिमाचल प्रदेश की बात की जाए तो हर साल करीब पांच हजार कैंसर पीड़ित मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. चिकित्सकों के अनुसार अंदाजा लगाया गया है कि भारत में 2030 तक कैंसर के मरीजों की संख्या एक करोड़ से भी अधिक हो सकती है.