शिमला:हिमाचल में तमाम प्रयासों के बाद भी कैंसर के मरीजों में कमी नहीं आ रही है. बीमारियों से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण भी कैंसर है. चिकित्सक की माने तो कैंसर अस्प्ताल शिमला में आने वाले 99 फीसदी मरीज तंबाकु के शौकिन हैं. ये लोग तंबाकु का सेवन करते रहते हैं और बाद में कैंसर की चपेट में आ जाते हैं. प्रदेश में पुरुषों के लंग कैंसर अधिक है. वहीं, महिलाएं भी इस बीमारी की चपेट में हैं.
लंग कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू: हिमाचल प्रदेश के लोग तंबाकु का भारी मात्रा में सेवन कर रहे हैं. ऐसे में हिमाचल के लोग फेफड़े की कैंसर को खुला न्यौता दे रहे हैं. हैरत है कि तंबाकु पर प्रतिबंध होने के बावजूद भी लोग इसका सेवन कर रहे हैं. वहीं, हिमाचल प्रदेश में हो रहे दुषित वातावरण के कारण भी मरीज कैंसर के अधिक शिकार हो रहे है. क्योंकि वातावरण दुषित होने से फल, सब्जियां आदि में किड़ा लगना शुरू हो जाता है, जो कैंसर का एक मुख्य कारण है. अगर लोगों को कैंसर की बीमारी से छुटकारा पाना है, तो सबसे पहले तंबाकु का सेवन कम करना होगा, क्योंकि अस्पताल में पूरे हिमाचल प्रदेश से तंबाकु का सेवन करने वाले मरीज ही भर्ती हो रहे हैं.
हर साल बढ़ रही लंग कैंसर मरीजों की संख्या:प्रदेश में लोग लंग कैंसर की गिरफ्त में आ रहे हैं. इस बात का खुलासा इससे होता है कि शिमला कैंसर अस्पताल में हर साल 2500 से 3000 मरीज के कैंसर के नए मरीज आते हैं, जिसमे 350 से 400 मरीज लंग कैंसर के होते है. ये मरीज शिमला, सोलन, सिरमौर और मंडी जिला से अधिक आ रहे हैं. यह जानकारी कैंसर अस्पताल शिमला के एचओडी डॉ. मनीष गुप्ता ने दी. उनका कहना है कि 99 फीसदी मरीजो में लंग कैंसर धूम्रपान के कारण हो रहा है.
2020 से 2022 तक लंग कैंसर मरीजों की संख्या: आईजीएमसी शिमला के कैंसर अस्पताल में हर साल 2500 से 3000 मरीज अपना इलाज करवाने पहुंचते हैं. साल 2020 में लंग कैंसर से 340 मरीज ग्रसित हुए. वहीं, साल 2021 में 500 मरीज लंग कैंसर की चपेट में आए. इसके बाद 2022 में 520 मरीज लंग कैंसर से पीड़ित हुए. हिमाचल में अधिकतर लंग कैंसर के मरीज गांव से आ रहे हैं.