शिमला:वर्ल्ड अर्थराइटिस डे यानी विश्व गठिया दिवस हर साल 12 अक्टूबर को मनाया जाता है. यह एक वैश्विक स्वास्थ्य जागरूकता इवेंट है जो हर साल गठिया रोग के बारे में जागरूकता पैदा करने, किसी के जीवन पर इसके प्रभाव और लक्षणों, निवारक उपायों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए आयोजित किया जाता है. गठिया होने के कारण में कई लाइफस्टाइल फैक्टर्स के साथ धूम्रपान, मोटापा, खराब डाइट और एक्सरसाइज न करना भी शामिल है. कुछ गठिया रोग आनुवंशिकी भी होते हैं.
हिमाचल प्रदेश में गठिया तेजी से फैल रहा है बड़ों के साथ-साथ अब यह छोटे बच्चों को भी अपनी चपेट में जकड़ रहा है इस बात का खुलासा आईजीएमसी में मेडिसिन विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. विकास शर्मा ने किया है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भी देश की तरह गठिया की स्थिति है और पॉपुलेशन का 8 फीसदी लोग गठिया से पीड़ित उनका कहना है कि महिलाएं बच्चे बूढ़े बुजुर्ग सभी गठिया के मरीज है. उनकी ओपीडी में 200 से 300 मैरिज उपचार के लिए आते हैं और एक सप्ताह में 600 से 800 मैरिज गठिया के इलाज के लिए उनके ओपीडी में आते हैं. जिनका इलाज चल रहा है. डॉक्टर विकास ने बताया कि 18 साल से कम उम्र के बच्चे भी गठिया की चपेट में आ चुके हैं. उनका कहना है कि उनके पास जो 100 छोटे बच्चे जो की 18 साल से कम है रजिस्टर्ड है. जिनका उपचार आईजीएमसी से चल रहा है.
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गठिया के लक्षण:गठिया की शुरुआत में हाथों में दर्द महसूस होता है. इसके बाद धीरे-धीरे सुबह-शाम जोड़ों में अकड़न और सूजन जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं. हाथों को काम करने में भी दिक्कत होने लगती है. विशेषज्ञों का कहना है कि हड्डियों और जोड़ों को खराब होने से बचाने के लिए जरूरी है कि शुरुआत में ही इसका इलाज हो जाए.
गठिया रोग के कारण:गठिया रोग का कोई एक मुख्य कारण नहीं है, बल्कि कई गतिविधियों से इसके उत्पन्न होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं, जैसे कि-1. हमारे शरीर में जोड़ों में एक नर्म और लचीला टिशु प्रस्तुत है जिसे कार्टिलेज कहा जाता है, जब हम चलते हैं तो जोड़ों पर दबाव पड़ता है, ऐसे में कार्टिलेज प्रेशर और शाॅक को अवशोषित कर हमारे जोड़ों की सुरक्षा करता है, जब व्यक्ति को गठिया रोग जैसी बीमारी होती है, तो ऐसे समय में कार्टिलेज की मात्रा में कमी हो जाती है जिस वजह से एक हड्डी दूसरी हड्डी से रगड़ती है और कुछ परेशानियां उत्पन्न हो जाती हैं.
2. यदि आपके परिवार में किसी व्यक्ति में गठिया रोग की शिकायत पाई जा रही है, तो मुमकिन है कि यह बीमारी अन्य व्यक्तियों में भी पाई जाए,3. मोटापा भी गठिया रोग होने की संभावनाएं बढ़ा सकता है. ऐसा इसलिए कि मोटापे की वजह से शरीर के जोड़ ज़्यादा वजन नहीं सह पाते और जोड़ों में दर्द या सूजन की समस्याएं हो जाती हैं.
गठिया रोग के कुछ प्रकार:वैसे तो गठिया रोग के लगभग 100 से भी ज्यादा प्रकार हैं जिस वजह से विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन यहां हम आपको कुछ मुख्य प्रकार से परिचित कराएंगे.