रामपुर:आनी उप मंडल के तहत हरिपुर (Haripur milk plant in Anni) में महिलाओं ने दुध न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी और अपनी मांगों को लेकर दुग्ध प्लांट के बाहर जोरदार प्रदर्शन (Womens protested outside Haripur milk plant) किया. इस दौरान आनी दुग्ध उत्पादक संघ (Anni Milk Producers Association) के अध्यक्ष हरविंद्र शर्मा ने कहा कि सरकार दुग्ध उत्पादकों की आर्थिकी की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार ने सभी आवश्यक वस्तुओं और खाध वस्तुओं की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि की है. वहीं, दुसरी तरफ मंहगाई के बोझ तले आम आदमी का जीना दूभर हो गया है. ऐसे में सरकार को दुग्ध उत्पादक महिलाओं की ओर भी ध्यान देना चाहिए.
हरिपुर में महिलाओं ने किया दुग्ध प्लांट का घेराव, न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग - NSF fat in milk
आनी उप मंडल के तहत हरिपुर (Haripur milk plant in Anni) में महिलाओं ने दुध न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी और मांगों को लेकर दुग्ध प्लांट के बाहर जोरदार प्रदर्शन (Womens protested outside Haripur milk plant) किया. महिलाओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मांगों पर जल्द अमल नहीं किया गया, तो आने वाले दिनों में उग्र प्रदर्शन किया जाएगा.
![हरिपुर में महिलाओं ने किया दुग्ध प्लांट का घेराव, न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग Demonstration outside milk plant Haripur in Rampul.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-15067583-thumbnail-3x2-rmp.jpg)
वहीं, दुग्ध उत्पादक महिला आशा सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार महिलाओं के प्रति असंवेदनशील है. उन्होंने कहा कि खेती को घाटे का सौदा मानकर कई लोग किसानी छोड़ने को मजबूर हैं. आज कई किसान साल में अपना अधिकतर समय मजदूरी में लगा रहे हैं. वहीं, कई किसानों को खेती से सिर्फ घास ही प्राप्त हो रही हैं. सरकार की गलत नितियों और नियत के चलते खेत बंजर हो गए है. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार मेहनतकश को कम दाम दे रही ,जबकि पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि एसएनएफ फैट (NSF fat in milk) के नाम पर भी महिलाओं को ठगा जा रहा है. कलेक्शन केंद्र में मशीनों का न होना भी एक बहुत बड़ा फेलियर है. एक तरफ रेट कम दिए जा रहे. वहीं, दुसरी तरफ तीन महीने के बाद जा कर पैसों का भुगतान किया जा रहा है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इन सभी मांगों पर जल्द अमल नहीं किया गया, तो आने वाले दिनों में महिलाओं द्वारा उग्र प्रदर्शन किया जाएगा.