शिमला: भारत में लड़कों के लिए शादी करने की न्यूनतम उम्र 21 और लड़कियों के लिए 18 वर्ष है. बाल विवाह रोकथाम कानून 2006 के तहत इससे कम उम्र में शादी गैरकानूनी है. ऐसा करने पर 2 साल की सजा और 1 लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है. अब सरकार लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र की सीमा बढ़ाकर 21 वर्ष करने पर विचार कर रही है.
सितंबर महीने में शुरू होने वाले मानसून सत्र में केंद्र सरकार लड़कियों की शादी की उम्र को बढ़ाने को लेकर बिल ला सकती है. ऐसे में प्रदेश की युवतिआं और महिलाएं केंद्र सरकार के इस फैसले के पक्ष में हैं. युवतिओं और महिलाओं का कहना है कि सरकार यह विचार सही है और इस पर जल्द ही फैसला सरकार को ले लेना चाहिए.
सरकार का यह फैसला महिलाओं के जीवन में एक नई उम्मीद ले कर आएगा और उन्हें मजबूरन 18 साल की उम्र में ना चाहते हुए भी शादी के बंधन में नहीं बंधना पड़ेगा. अभी सरकार की ओर से युवतियों की शादी की उम्र 18 वर्ष तय की गई है. ऐसे में इस उम्र में पहुंचते ही उन पर शादी का दबाव बनाया जाता है और उनकी पढ़ाई बीच में ही छुड़वाकर उनकी शादी कर दी जाती है.
ऐसे में अगर सरकार उनकी शादी की आयु को 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष कर देती हैं तो उस से लड़कियों को मजबूरन 18 वर्ष की आयु में इस शादी के बंधन में नहीं बंधना पड़ेगा पर वह अपनी उच्च शिक्षा को भी पूरा कर सकेंगी.
युवतियों का कहना है कि 18 साल की उम्र एक ऐसी उम्र है जिस समय एक लड़की की पढ़ाई भी पूरी नहीं होती है. शारीरिक रूप से तो वह भले ही शादी के लिए तैयार हैं, लेकिन मानसिक रूप से वह शादी और इसकी जिम्मेदारियों और परिवार को आगे बढ़ाने जैसी सोच के लिए पूरी तरह से तेयार नहीं होती हैं.