हिमाचल में कमजोर हो रहे घुटने शिमला :उम्र के साथ-साथ घुटनों का दर्द होना आम बात है. लेकिन हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में ऊबड़ खाबड़ रास्ते घुटनों को दर्द को बढ़ा रहे हैं. जिसके चलते नी ट्रांसप्लांट तक की नौबत आ रही है. आईजीएमसी के ऑर्थो विभाग के डॉक्टर हरिमोहन शर्मा हिमाचल में बढ़ते घुटनों की समस्या, इसकी वजह और इससे बचने के उपाय बता रहे हैं.
महिलाओं को घुटनों की ज्यादा समस्या-डॉ. हरिमोहन शर्मा के मुताबिक वैसे तो घुटनों की समस्या एक उम्र के बाद आम है लेकिन महिलाओं में ये समस्या पुरुषों के मुकाबले अधिक होती है. हिमाचल की महिलाओं को साथ भी ऐसी ही समस्या है. महिलाओं में मोनोपॉज और कैल्शियम की कमी इसके सबसे बड़े कारण हैं. हिमाचल में महिलाओं की जीवनशैली और रोजमर्रा के कामों का दबाव भी घुटनों पर पड़ता है. जिसके कारण उम्र से पहले भी कई महिलाओं में घुटनों की समस्या पैदा हो जाती है.
महिलाओं के घुटने ज्यादा कमजोर हो रहे हैं 10 में से 4 मरीज घुटनों के दर्द से पीड़ित- डॉक्टर हरिमोहन शर्मा बताते हैं कि प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी के ऑर्थो की ओपीडी में घुटनों की समस्या वाले मरीजों की भरमार होती है. रोजाना 10 में से 4 मरीज घुटनों की समस्या से जूझ रहे होते हैं. उन्होंन बताय कि इनमें से 10 फीसदी मरीजों की सर्जरी होती है और नी ट्रांसप्लांट तक करवाना पड़ता है.
क्यों होता है घुटनों का दर्द-डॉ. हरिमोहन ने बताया कि हमारा घुटना दो हड्डियों से बना होता है एक थाई बोन जिसे फीमर कहते हैं और दूसरा लेग बोन उसके बीच में एक पटेला होता है और वहीं उन दोनों के बीच में एक कार्टिलेज होता है. जो दोनों हड्डियों के बीच में किसी तकिये का काम करता है. वक्त के साथ-साथ घिसता है और एक वक्त के बाद दोनों हड़ियां एक दूसरे से घर्षण करने लगती है. जिससे दर्द होता है. ये ठीक किसी गाड़ी के टायर की तरह हैं जो वक्त के साथ घिसते रहते हैं.
पहाड़ की चढ़ाई और रास्त बढ़ा रहे घुटनों का दर्द ये हैं लक्षण- कार्टिलेज का घिसना घुटनों में दर्द होने की सबसे कॉमन वजह है. वैसे तो ये समस्या एक उम्र के बाद होती है लेकिन इन दिनों खान-पान और हमारी जीवनशैली के कारण 40 साल तक पहुंचते पहुंचते भी घुटनों की समस्या होने लगती है. घुटनों में दर्द होना या सूजन आना इसके लक्षण हैं. जिसकी वजह से चलने फिरने से लेकर बैठने तक में दिक्कत होती है.
पहाड़ी रास्ते बढ़ा रहे घुटनों का दर्द-डॉक्टर हरिमोहन का कहना है कि हिमाचल प्रदेश पहाड़ी प्रदेश है यहां के टेढे-मेढे रास्ते और पहाड़ों की ऊंचाई घुटनों पर काफी दबाव देती है. लोगों के रोजमर्रा के छोटे-छोटे काम भी इन रास्तों और पहाड़ की चढ़ाई चढ़े बगैर मुमकिन नहीं होते ऐसे में पहाड़ के लोगों में घुटनों की समस्या मैदानी क्षेत्रों के मुकाबले ज्यादा भी हो सकती है. खासकर महिलाओं में, कैल्शियम, विटामिन डी, एस्ट्रोजन की कमी और मोनोपॉज घुटनों को कमजोर कर देता है.
घुटनों की समस्या की वजह- बढ़ता वजन घुटनों के वजन की सबसे बड़ी वजह है. वैसे तो मोटापे को कई रोगों की वजह मानते हैं लेकिन मोटापे का सीधा असर हमारे घुटनों पर पड़ता है. घुटनों पर बोझ बढ़ने से उनका कमजोर होना या कार्टिलेज का घिसना शुरु हो जाता है. इसके अलावा खान-पान, पथरीले या उबड़ खाबड़ रास्तों पर चलने के अलावा चौकड़ी मारकर बैठना और स्क्वाट्स एक्सरसाइज करने से भी घुटनों पर असर पड़ता है.
ऐसे रखें घुटनों का ख्याल- आईजीएमसी में ऑर्थो विभाग में रजिस्ट्रार डॉ. हरिमहन ने बताया कि बदलता लाइफ़स्टाइल भी कहीं ना कहीं घुटनों के दर्द के लिए जिम्मेवार है. मोटापा घुटनों पर वजन बढ़ाता है जिसके कारण भी घुटनों के कार्टिलेज जल्दी घिसना शुरू हो जाता है जिसके कारण दर्द होता है. इसलिये व्यायाम करें और वजन को कंट्रोल में करें. साथ ही खान पान का भी विशेष ध्यान रखते हुए खाने में हरी सब्जी और फलों का सेवन ज्यादा करें.
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