शिमला: क्या हिमाचल प्रदेश के युवा कांग्रेस सरकार और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से नाराज होने लगे हैं. आखिर क्या कारण है कि युवा वर्ग कांग्रेस सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाल रहा है. ऐसा क्या हुआ कि युवा वर्ग ये लिखने पर मजबूर हो रहा है कि धन्यवाद आपकी व्यवस्था परिवर्तन का...
मुख्यमंत्री कार्यालय का ऑफिशियल फेसबुक पेज हो या फिर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का फेसबुक पेज, युवाओं का आक्रोश वहां कमेंट्स के रूप में नजर आ रहा है. आखिर इसके पीछे कारण क्या है? क्यों युवा अपना गुस्सा निकाल रहे हैं. इसके लिए सीएमओ और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के सोशल मीडिया पेज पर नजर डालना जरूरी है.
CMO Himachal के फेसबुक पेज पर युवाओं का गुस्सा इससे पहले कि युवाओं के कमेंट की शब्दावली पर गौर करें, ये कहना जरूरी है कि किसी भी नई सरकार के सत्ता संभालने के बाद शुरुआती 100 या फिर छह महीने हनीमून पीरियड की तरह होते हैं. सुखविंदर सिंह सरकार ने दिसंबर 2022 को सत्ता संभाल ली थी. चुनाव से पूर्व कांग्रेस सरकार ने वादा किया था कि पहली ही कैबिनेट में युवाओं के लिए एक लाख सरकारी नौकरियों का ऐलान किया जाएगा. खुद प्रियंका वाड्रा ने सोलन की रैली में घोषणा की थी कि पहली ही कैबिनेट में युवाओं की नौकरी के वादे को पूरा किया जाएगा.
कांग्रेस ने चुनाव के दौरान ओपीएस का वादा भी किया था. सुखविंदर सिंह सरकार ने ओपीएस का वादा तो पूरा कर दिया है, लेकिन एक लाख नौकरियों का वादा उसके गले की हड्डी बन गया है. आम जनता भी ये जानती है कि एक साल में एक लाख नौकरियां देना संभव नहीं है. फिर हमीरपुर स्थित कर्मचारी चयन आयोग को धांधलियों के कारण भंग करना पड़ा. इससे हुआ ये कि जिन भर्ती परीक्षाओं का परिणाम निकलने वाला था, वो भी फंस गया. इससे परीक्षा देकर पास हुए युवाओं का रोष बढऩे लगा है और वे सीएम के सोशल मीडिया पेज पर अपनी भड़ास निकालने लगे हैं.
CMO और CM sukhu के लगभग हर पोस्ट पर युवाओं के ऐसे कमेंट हैं उदाहरण के लिए शुक्रवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के पेज पर हैदराबाद रैली की पोस्ट डाली गई. उसमें विक्की साम्टा नाम के टॉप फैन ने पेंडिंग रिजल्ट ना निकालने को लेकर अपना रोष व्यक्त किया है. कमेंट में युवा ने लिखा है कि 'यदि रिजल्ट जल्द घोषित न किए गए तो शिमला में आमरण अनशन किया जाएगा'. क्रूज अभिषेक शर्मा नामक यूजर्स ने भी रिजल्ट न निकलने का दुख व्यक्त किया है और लिखा है कि 'यदि यही व्यवस्था परिवर्तन है तो उन्हें ऐसा व्यवस्था परिवर्तन नहीं चाहिए. धर्मेंद नाम के एक अन्य यूजर ने आग्रह किया है कि 'कला अध्यापक की पोस्ट का रिजल्ट निकालें प्लीज'
अभिषेक वर्मा नामक यूजर ने पैंडिंग रिजल्ट निकालने की प्रक्रिया को स्पीड अप करने की बात कही है. रेखा शर्मा ने लिखा है कि बेगुनाह बच्चों को सताया जा रहा है. उनका आशय भी ऐसे युवाओं से है, जिन्होंने अपनी मेहनत और ईमानदारी से प्रवेश परीक्षा उतीर्ण की और अब रिजल्ट नहीं निकल रहा है. कुछ यूजर्स ने तो डिक्लेयर पेंडिंग रिजल्ट्स का हैशटैग भी चला दिया. मुख्य रूप से युवाओं की नाराजगी रिजल्ट निकालने में हो रही देरी को लेकर है.
कांग्रेस ने युवाओं से एक लाख नौकरियों का वादा किया था युवा कांग्रेस सरकार के व्यवस्था परिवर्तन और सुख की सरकार के नारों के सहारे भी तंज कस रहे हैं. कुछ लिख रहे हैं कि ऐसा व्यवस्था परिवर्तन नहीं चाहिए तो कुछ इसे दुख की सरकार बता रहे हैं. इस बीच एक परवीन धीमान नाम के एक टॉप फैन ने सीएमओ हिमाचल की पोस्ट पर लिखा है कि 'मुख्यमंत्री जी के पास सिर्फ बोर्ड को भंग करने, रिजल्ट को रुकवाने, बेरोजगारों को परेशान करने की ही पावर है. 12 लाख से ज्यादा बेरोजगार 2024 में अच्छे से जवाब देंगे'. दरअसल सीएमओ और सीएम सुखविंदर सुक्खू के फेसबुक पेज पर होने वाली हर पोस्ट पर इस तरह के कमेंट्स की भरमार है.
सीएम और सीएमओ की हर पोस्ट पर इस तरह के कमेंट कर रहे हैं यूजर्स सुक्खू सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग को भंग किया था तो पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि यदि रजाई में जुएं पड़ जाएं तो रजाई को ही नहीं फूंक दिया जाता. यानी कर्मचारी चयन आयोग में धांधली हुई तो इसका ये अर्थ नहीं कि आयोग ही भंग कर दिया जाए. नई भर्ती एजेंसी न बनने से आगामी भर्तियां भी लटक गई हैं. क्लास थ्री की भर्ती तो लोक सेवा आयोग को दी गई है, लेकिन उसमें भी देर हो रही है. भाजपा प्रवक्ता और विधायक रणधीर शर्मा का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने युवाओं के साथ धोखा किया है. पैंडिंग रिजल्ट निकालने में देरी होने से युवाओं में रोष है. फिलहाल, सीएमओ और सीएम के सोशल मीडिया पर ये रोष साफ दिख रहा है.
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