शिमला : हिमाचल की सुक्खू सरकार इन दिनों कैबिनेट विस्तार ना होने के कारण विरोधियों के निशाने पर है. लेकिन मंत्रियों की कुर्सी से पहले मुख्यमंत्री के सामने अफसरशाही की सबसे बड़ी कुर्सी भरने की चुनौती होगी. दरअसल मुख्य सचिव आरडी धीमान आज रिटायर हो रहे हैं. आरडी धीमान इसके बाद हिमाचल के मुख्य सूचना आयुक्त की जिम्मेदारी संभालेंगे. मंत्रिमंडल विस्तार या नई सरकार का पहला सत्र भले नए साल में होगा लेकिन सूबे में अफसरशाही का नया मुखिया कौन होगा. इस सवाल का जवाब नए साल से पहले तलाशना होगा. (Chief Secretary of Himachal)
रेस में सबसे आगे लेकिन...- आरडी धीमान के बाद मुख्य सचिव कौन होगा, इस सवाल के जवाब में हर किसी की दिलचस्पी है. नई नवेली सरकार में अफसरशाही की सबसे ऊंची कुर्सी पर बैठने का कई अफसरों का अरमान है. सीनियोरिटी के लिहाज से अली रजा रिजवी और के. संजयमूर्ति रेस में सबसे आगे थे. लेकिन ये दोनों अधिकारी फिलहाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. फिलहाल सरकार की ओर से उन्हें वापस बुलाने की कोई पहल नहीं की गई है. मौजूदा मुख्य सचिव की रिटायरमेंट में अब चंद दिन हैं, जो इन दोनों में से किसी को वापस बुलाने की औपचारिकता के लिहाज से काफी कम हैं. अली रजा रिजवी 1988 और के. संजयमूर्ति 1989 बैच के हैं. (who will be the next CS of Himachal)
साइडलाइन किए गए अफसर- राज्य में मौजूद अफसरों की फेहरिस्त में तीन नाम ऐसे भी हैं जिन्हें जयराम सरकार में साइडलाइन किया गया. हालांकि इनमें 1987 बैच के IAS रामसुभग सिंह को इसी साल जुलाई में मुख्य सचिव की कुर्सी से हटाकर प्रधान सलाहकार प्रशासनिक सुधार बनाया गया. उनकी पत्नी निशा सिंह भी 1987 बैच की आईएएस हैं. इसके अलावा 1988 बैच के आईएएस अफसर संजय गुप्ता भी हैं. हालांकि पिछली सरकार ने इन दोनों को भी रामसुभग सिंह की तरह प्रधान सलाहकार की कुर्सी पर बिठा दिया गया. ये तीनों भी सीनियोरिटी के हिसाब से रेस में तो हैं लेकिन इनकी ओर सीएम सुक्खू की नजरें इनायत होंगी, इसके चांस फिलहाल कम हैं.
इनकी लग सकती है लॉटरी- हिमाचल के मुख्य सचिव की रेस में चल रहे इन नामों के बीच एक नाम प्रबोध सक्सेना का भी है, जो इस वक्त एसीएस रैंक के अफसर हैं. 1990 बैच के आईएएस अधिकारी प्रबोध सक्सेना मौजूदा समय में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी फाइनेंस, प्लानिंग जैसी अहम जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. सीनियोरिटी के मामले में भले प्रबोध सक्सेना पिछड़ते दिख रहे हों लेकिन अगर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में मौजूद अफसरों में से ही किसी चेहरे को चुना तो प्रबोध सक्सेना मुख्य सचिव के प्रबल दावेदार हैं. (IAS Prabodh Saxena)
पहले भी दरकिनार की गई सीनियोरिटी- राज्य का मुख्यमंत्री होने के नाते सुखविंदर सिंह सुक्खू ही नया चीफ सेक्रेटरी का नाम तय करेंगे. मुख्यमंत्री अपनी सहूलियत और काम की ट्यूनिंग के हिसाब से इस कुर्सी के दावेदार पर मुहर लगाते हैं. अकसर इसमें सीनियोरिटी को भी दरकिनार किया जाता रहा है. इसकी कई मिसाले हैं. खासकर 2012 से लेकर 2017 तक के कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वीरभद्र सिंह ने सीनियोरिटी की सुपरसीड कर अपनी पसंद के अफसर को मुख्य सचिव बनाया था. उस समय विनीत चौधरी, उपमा चौधरी, दीपक सानन सहित दो अन्य अफसरों की सीनियोरिटी इग्नोर कर वीसी फारका को मुख्य सचिव बनाया था. तब विनीत चौधरी अपने हक के लिए कैट यानी सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल चले गए थे. वे कैट से केस भी जीते थे और बाद में जयराम सरकार में मुख्य सचिव बनाए गए. (who will be the next Chief Secretary of Himachal)
जयराम सरकार ने बेशक सीनियोरिटी इगनोर नहीं की, लेकिन उनके कार्यकाल में मुख्य सचिव बदलते ही रहे. वैसे अफसरशाही की इस कुर्सी पर अपने पसंदीदा अफसर को बिठाने की परंपरा पुरानी और लगभग हर राज्य में है. कौन बनेगा हिमाचल का मुख्य सचिव ? इस सवाल को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी फिलहाल कोई इशारा नहीं किया है. लेकिन अब इस पर उन्हें फैसला लेना ही होगा, क्योंकि आज हिमाचल के मुख्य सचिव आरडी धीमान रिटायर हो जाएंगे.
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