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Wetland Site Pong Dam: पौंग डैम में हॉट एयर बैलून में बैठकर देख सकेंगे खूबसूरत नजारा, खुलेगा फ्लोटिंग होटल - कांगड़ा की ताजा खबरें

हिमाचल की सुखविंदर सरकार ने 70 करोड़ की लागत से कांगड़ा जिले के पौंग झील का बुनियादी ढांचा सुधारने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. कुछ दिनों बाद यहां पर पर्यटक फ्लोटिंग होटल का लुत्फ भी उठा सकेंगे और गुब्बारे में बैठकर आसमान से जमीन का खूबसूरत नजारा भी देख सकेंगे.

Adventure activities will start in Pong Dam
Adventure activities will start in Pong Dam

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Published : May 30, 2023, 7:54 AM IST

शिमला:सुखविंदर सिंह सरकार ने कांगड़ा जिले के पौंग डैम में साहसिक गतिविधियों को शुरू करने का प्लान तैयार कर रही है. जानकारी के मुताबिक हिमाचल सरकार पर्यटन स्थल में साल भर सैलानियों को आकर्षित करने के लिए झील के आस-पास वाटर स्पोर्ट्स सहित आस-पास पर्याप्त अधोसंरचना बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है.

प्रवासी पक्षियों का रहता डेरा:पौंग डैम को नवंबर, 2002 में राष्ट्रीय महत्व की वेटलैंड (रामसर साइट) का दर्जा दिया गया है. यहां प्रवासी पक्षियों का डेरा लगा रहता है. विशेष तौर पर साइबेरियन क्रेन और रूस एवं ट्रांस अंटार्कटिक क्षेत्रों से सैकड़ों प्रजातियों की निवास स्थली के रूप में प्रसिद्ध है.

70 करोड़ में विकास:सरकार ने शुरुआती तौर पर बुनियादी ढांचे के विकास को लेकर 70 करोड़ की राशि जारी की है.यहां पर युवाओं को शिकारा खरीदने के लिए वित्तीय सहायता भी दी जाएगी. इसके अलावा पर्यटकों को शिकारे के साथ-साथ साहसिक गतिविधियां भी यहां लोगों का दिल जीतेंगी.

पानी में तैरने वाला होटल खुलेगा:मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि पर्यटकों की सुविधा के लिए पौंग बांध में एक फ्लोटिंग होटल (पानी में तैरने वाला होटल) खोलने पर विचार कर रही है.पर्यटकों के लिए हॉट एयर बैलूनिंग गतिविधियां भी शुरू की जाएंगी. उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार देने के लिए पर्यटन संबंधी गतिविधियों में शामिल किया जाएगा.

24,529 हेक्टेयर में फैला हुआ पौंग डैम:पौंग जलाशय 24,529 हेक्टेयर क्षेत्र तक फैला हुआ है, जो कि बड़े पैमाने पर मछुआरों की आजीविका का स्रोत है. झील की पर्यटन क्षमता का पूरी तरह से दोहन नहीं किया जा सका. अब सरकार वेटलैंड के रूप में और पक्षियों प्रेमियों के लिए विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रह है, ताकि यहां रोजगार के साथ -साथ पक्षी विज्ञानियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र बन सके और राज्य के राजस्व में भी इजाफा हो सके.

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