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शिमला मांगे पानी: शहर के 21 क्षेत्र वीरवार को भी रहे प्यासे, बरसात में गहराया जलसंकट

शहर की प्रमुख पेयजल परियोजना गिरी में गाद आने से यह समस्या सामने आ रही है. बुधवार को भी गिरी पेयजल परियोजना में गाद की समस्या रही. वीरवार को भी शहर के 21 क्षेत्रों में पानी की सप्लाई नहीं हो पाई.

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Published : Jul 11, 2019, 1:15 PM IST

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शिमला: पहाड़ों की रानी शिमला में पेयजल संकट गहराता जा रहा है. पेयजल परियोजनाओं में गाद आने से शहर में पानी का संकट पैदा हो गया है. शहर को पेयजल परियोजनाओं से रोजाना 50 एमएलडी से अधिक पानी मिल रहा था, लेकिन आजकल पेयजल परियोजनाओं से शहर को केवल 35 एमएलडी पानी मिल रहा है.

शहर की प्रमुख पेयजल परियोजना गिरी में गाद आने से यह समस्या सामने आ रही है. बुधवार को भी गिरी पेयजल परियोजना में गाद की समस्या रही. वीरवार को भी शहर के 21 क्षेत्रों में पानी की सप्लाई नहीं हो पाई. विकासनगर, कंगनाधार, छोटा शिमला, बीसीएस, निगम बिहार, चारली विला, खलीनी, झंझीड़ी, अनाडेल, नाभा, फागली, रामनगर, टुटू, समरहिल, चौड़ा मैदान, विंटरफील्ड, नवबहार, ढींगूधार, ढली-टनल, फिंगास्क, बेमलोई, एचबी कालौनी जाखू, क्लस्टन, भराड़ी, लक्कड़ बाजार में पानी नहीं पंहुचा. गाद के चलते शहर में एक दिन छोड़ कर पानी की सप्लाई की जा रही है. बरसात के चलते आने वाले दिनों में पानी का संकट और भी गहरा सकता है.

जिला प्रसाशन ने नगर निगम और जल निगम बोर्ड को शहर में पानी की सप्लाई सुनिश्चित बनाये रखने के निर्देश दिए हैं. जिला उपायुक्त अमित कश्यप ने जल प्रबधन निगम को पानी की लिफ्टिंग में आ रही दिक्कतों और परियोजना में कहां से गाद आ रही है उसकी जानकारी मांगी गई है.

उपायुक्त अमित कश्यप ने कहा कि बल्देहा में लोकनिर्माण विभाग ने डंपिंग की थी जिसे साफ़ करवा दिया गया है. दूसरी जगहों में भी अगर नदी में डंपिंग की जा रही है तो उसे भी हटवा दिया जायेगा. बता दें कि इस बार गर्मियों में शिमला शहर में पानी की समस्या पैदा नहीं हुई थी. लोगों को गर्मियों में हर रोज पानी दिया जा रहा था, लेकिन बरसात के मौसम में पेयजल परियोजनाओं में गाद आने से पानी की लिफ्टिंग नहीं हो रही है. पेयजल स्त्रोत में पानी समुचित मात्रा में उपलब्ध है. लेकिन स्त्रोत के कैचमेंट क्षेत्रों में सड़कों और स्थानीय लोगों के भवन निर्माण का मलबा नदी की ऊपरी ढलान पर डाला गया है, जिसकी मिट्टी भारी बारिश से पेयजल स्त्रोतों में आ रही है.

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मलबे की मिट्टी से पानी मटमैला हो रहा है. पंप हाउस में स्थापित संयंत्रों को भी पानी को साफ करना में मुश्किल हो रही है. पानी को निर्धारित मापदंडों के अनुरूप कीटाणुरहित करने में भी भारी कठिनाई हो रही है. शुक्रवार को महापौर ने आयुक्त नगर निगम शिमला व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के साथ गिरि पेयजल स्त्रोत का स्वयं निरीक्षण करने जा रहे हैं.

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