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शिकायत लेकर शिक्षा निदेशालय पहुंचे वोकेशनल ट्रेनर, SSA ने कंपनियों को समय पर वेतन देने के दिये निर्देश - वोकेशनल ट्रेनिंग

प्रदेश के स्कूलों में वोकेशनल कोर्सेज में छात्रों को शिक्षा दे रहे वोकेशनल ट्रेनरों ने वेतन न मिलने पर शिक्षा निदेशालय से गुहार लगाई है. वेतन न मिलने से परेशान दर्जनों वोकेशनल ट्रेनर सोमवार को अपनी शिकायत लेकर शिक्षा निदेशालय पहुंचे.

शिक्षा निदेशालय पर शिकायत लेकर पहुंचे वोकेशन ट्रेनर.

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Published : Sep 10, 2019, 2:54 AM IST

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में वोकेशनल कोर्सेज में छात्रों को शिक्षा दे रहे वोकेशनल ट्रेनरों को बीते कुछ महीनों से वेतन ही नहीं मिल रहा है. वेतन न मिलने से परेशान दर्जनों वोकेशनल ट्रेनर सोमवार को अपनी शिकायत लेकर शिक्षा निदेशालय पहुंचे. एसएसए के पास अपनी शिकायत लेकर पहुंचे ट्रेनरों को उनकी शिकायत पर उचित समाधान का आश्वासन भी दिया गया.

शिक्षा निदेशालय पर शिकायत लेकर पहुंचे वोकेशन ट्रेनर.

बता दें कि सर्व शिक्षा अभियान की ओर से स्कूलों में वोकेशनल कोर्स को चलाने के लिए चयनित कंपनियों की मनमानी पर कार्रवाई करने का फैसला भी कर लिया गया है. एसएसए की ओर से वोकेशनल ट्रेनरों को स्कूलों में हायर करने वाली कंपनियों को समय पर वेतन देने के निर्देश जारी किए गए हैं.

कंपनियों को हर महीने ट्रेनरों को जारी किए जाने वाले वेतन की आरटीवीएस भी मांगी है. इसी आरटीवीएस के तहत एसएसए इस बात पर चैक रखेगा कि ट्रेनरों को समय पर वेतन जारी हो रहा है या नहीं.

एसएसए की ओर से जानकारी न देने वाली कंपनियों पर कार्रवाई भी की जाएगी. बता दें कि प्रदेश के स्कूलों में वोकेशनल कोर्सेज के 11 ट्रेडस चल रहे हैं, जिनमें 80 हजार के करीब छात्रों को 1700 के करीब वोकेशनल ट्रेनर पढ़ा रहे हैं. वोकेशनल कोर्सेज के कियान्वयन की जिम्मेवारी एमएचआरडी की ओर से कुछ चयनित कंपनियों को दी गई है,जिनकी कार्यप्रणाली पर एसएसए चैक कर रहा है.

कंपनियों की वोकेशनल कोर्सों में ट्रेनरों की नियुक्ति और क्रियान्वयन में शिकायत आ रही है. इन शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए एसएसए ने सभी कंपनियों को सही तरीके से काम करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. एसएसए परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि वोकेशनल कंपनियों को नियमों के तहत कार्य करने के निर्देश जारी किए गए है. हर महीने कंपनियों को आरटीवीएस भेजनी होगी, लापरवाही करने वाली कंपनियों की शिकायत नेशनल स्किल डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन से की जाएगी.

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