शिमला: दृष्टिबाधित संघ ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी से मुलाकात कर अपनी समस्याओं को हल करने का आग्रह किया. उन्होने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि दृष्टिबाधितों के आरक्षण के खिलाफ बैकलॉग को एक विशेष अभियान चलाकर एक समयबद्ध योजना से भरा जाए.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात के दौरान संघ के पदाधिकारियों ने मांग रखी कि हाल में ही दृष्टिबाधितों की सेवानिवृति आयु 60 वर्ष से 58 वर्ष करने के फैसले पर दोबारा विचार करे और उनके हितों की रक्षा के लिए फैसला लिया जाए. उन्होंने कहा कि सभी दृष्टिबाधित कर्मचारियों को जिनकी विकलांगता 70 प्रतिशत या उससे अधिक है, उन्हें मिलने वाले वाहन भत्ते में वृद्धि की जाए.
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि दृष्टिबाधित कर्मचारियों को बायोमीट्रिक प्रणाली से भी कठिनायों का सामना करना पड़ रहा है. इसके लिए उन्हें दूसरे कर्मचारियों पर निर्भर रहना पड़ता है. इसलिए इस प्रणाली में छूट दी जाए. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि बायोमीट्रिक प्रणाली को अपनाना जरूरी है, लेकिन दृष्टिबाधित कर्मचारियों को आधा घंटा सुबह और आधा घंटा शाम को छूट दी जा सकती है.
दृष्टिबाधित संघ की मांगों पर मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रूप से विचार करने का आश्वासन देते हुए कहा कि सभी मांगों को तीन महीने के अंदर हल करने का प्रयास किया जाएगा. बैकलॉग पड़े पदों को भरना भी वर्तमान सरकार की प्राथमिकता में है. इसलिए जल्द ही यह प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
दृष्टिबाधित संघ के राष्ट्रीय महासचिव संतोष कुमार रुंगटा ने कहा कि मुख्यमंत्री के आश्वासन से संतुष्ट होकर संघ ने अपना प्रदेशव्यापी आंदोलन तीन महीने तक स्थगित कर दिया है. अगर प्रदेश सरकार उनकी समस्याओं को हल करती है तो वो भविष्य में आंदोलन नहीं करेंगे.