शिमलाःप्रदेश में 17 प्राइमरी हेल्थ सेंटरों को बंद करने के राज्य सरकार के फैसले को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने जनविरोधी करार दिया है ओर सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा की इस निर्णय से साफ है कि भाजपा ग्रामीण क्षेत्रों की विकास विरोधी है और उसे ग्रामीण लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं की कोई चिंता नही है.
कांग्रेस ने बिना भेदभाव के किया विकास
वीरभद्र सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश में बगैर किसी भेदभाव के विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अनेक स्वास्थ्य केंद्र व स्कूलों को खोला है. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश सरकार इन्हें बंद कर अपनी संकीर्ण मानसिकता का परिचय दे रही है.
तुरंत रद्द करना चाहिए जन विरोधी फैसला
वीरभद्र सिंह ने कहा की कोविड महामारी के चलते आज जहां ग्रामीण व दूरदराज क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को ओर सुदृढ़ करने की बहुत ही आवश्यकता है वहीं प्रदेश सरकार इसे कमजोर करने में जुटी है. उन्होंने सरकार के इस कदम को बहुत ही अफसोस जनक बताते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री को इस निर्णय पर पुनः विचार करते हुए जनहित में इस फैसले को तुरंत रद्द करना चाहिए.