शिमला: प्रदेश के 6 बार के मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह की जयंती पर आज प्रदेशभर में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए. प्रदेश के सभी ब्लॉकों में पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने स्व. वीरभद्र सिंह की याद में रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य जांच शिविर के साथ-साथ अस्पतालों में जाकर रोगियों को फल वितरित किए. कांग्रेस ने उनकी जयंती को विकास दिवस के रूप में मनाया. राज्य स्तरीय कार्यक्रम प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में आयोजित किया गया. इसमें बड़ी संख्या में पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने स्व. वीरभद्र सिंह को याद करते हुए उनके छायाचित्र पर अपने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए. इस दौरान लोक गायकों ने भजन गाए. पार्टी कार्यकर्ता वीरभद्र सिंह को याद कर भावुक हुए.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, कृषि मंत्री चंद्र कुमार, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह,मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान, सीपीएस मोहन लाल ब्राक्टा,विधायक सुधीर शर्मा, इंद्रदत्त लखनपाल, संजय रत्न, यादविंदर गोमा,हरीश जनारथा,मलेंद्र राजन, केवल सिंह पठानिया,वन निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची,शिमला नगर निगम की उप महापौर उमा कौशल सहित अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं ने वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि दी.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने सभा में उपस्थित सभी लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भले ही वीरभद्र सिंह अब हमारे बीच नही है, लेकिन उनका मार्गदर्शन व आशीर्वाद हमेशा प्रदेशवासियों पर बना रहेगा. उनके विकास कार्य हमें प्रदेश को हमेशा आगे बढ़ने को प्रेरित करेंगे. उन्होंने कहा कि आज का यह दिन विकास दिवस के तौर पर मनाया जाना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि हैं.
'60 साल तक प्रदेश के लोगों के दिलों में राज किया':डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने स्व. वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज हम जननायक, युग पुरुष और प्रेरणा के स्रोत को याद कर रहे है. वीरभद्र सिंह ने 60 साल तक हिमाचल प्रदेश के लोगों के दिलों पर राज किया. अपने जीवन के अंतिम समय में भी वे हिमाल विधानसभा के सदस्य रहे. उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश के विकास पुरुष हैं, जिन्हें आधिुनिक हिमाचल का निर्माता कहा जाता है. उन्होंने कहा कि अगर डॉ. वाईएस परमार को हिमाचल के निर्माता के तौर पर जाना जाता है तो हिमाचल को संवारने और मौजूदा प्रारूप में यहां तक पहुंचाने में वीरभद्र सिंह का योगदान रहा है.