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पारंपरिक वाद्ययंत्रों से गूंजा रामपुर, पदम पैलेस में ढोली ने कुछ इस अंदाज 'राजा साहब' का स्वागत - रामपुर

बुशहर रियासत के राजा वीरभद्र सिंह का पदम पैलस के मैदान में पहुंचने पर वाद्ययंत्र बजाकर जोरदार स्वागत किया गया. पदम पैलेस में भारी संख्या में किन्नौर, रोहडू व रामपुर से लोग अपने वाद्ययंत्रों के साथ आए थे.

पदम पैलेस में वीरभद्र का स्वागत करते ढोली

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Published : Mar 12, 2019, 7:14 PM IST

शिमलाः बुशहर रियासत के राजा वीरभद्र सिंह का पदम पैलस के मैदान में पहुंचने पर वाद्ययंत्र बजाकर जोरदार स्वागत किया गया. पदम पैलेस में भारी संख्या में किन्नौर, रोहडू व रामपुरसे लोग अपने वाद्ययंत्रों के साथ आए थे.

पदम पैलेस में वीरभद्र का स्वागत करते ढोली

वाद्ययंत्रों में प्रमुख माने जाने वाला ढोल अपने आप में अलग पहचान रखता है. राजा वीरभद्र सिंह जब अपने महल से बाहर निकले, तो उनका स्वागत ढोल बजाकर किया गया. ढोली ने अलग अंदाज में ढोल बजाकर अपना प्रदर्शन किया.

गौरतलब है कि ढोल बजाकर अभिवादन करना बुशहर की परम्परा है. देव मेले, शादी आदि में सबसे पहले ढोल बजाया जाता है, जिसे बेड़ कहा जाता है.

ढोली को देखने के बाद क्षेत्र की महिलाओं ने राजा वीरभद्र सिंह को फूलों के हार पहनाकर उनका स्वागत किया. इस दौरान राजा वीरभद्र सिंह काफी खुश दिखे. बता दें कि वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह के जीवन में एक नया अध्याय जुड़ने के बाद क्षेत्र के लोगों मे खुशी की लहर है.

पदम पैलेस में वीरभद्र का स्वागत करते ढोली

वीरभद्र सिंह अपने बेटे विक्रमादित्य सिंह के विवाह के बाद मंगलवार को रामपुर में पहली रिसेप्शन पार्टी में मौजूद रहे. इसी दौरान वाद्ययंत्रों के साथ उनका स्वागत किया गया.

बता दें कि बुशहर राजघराने से संबंध रखने वाले विक्रमादित्य सिंह का विवाह उदयपुर राजस्थान के राज परिवार की बेटी सुदर्शना सिंह के साथ हुआ है. शाही जोड़े की पहली रिसेप्शन पार्टी में रामपुर के पदम पैलेस में शाही अंदाज में हुई.

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