शिमला: इन दिनों हिमाचल की राजनीति में खासकर बीजेपी में पत्र बम को लेकर काफी घमासान मचा हुआ है. वायरल हुए एक लेटर में मौजूदा बीजेपी सरकार और उसके बड़े नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं. वायरल हुए पत्र में स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार का नाम भी शामिल है.
जब ईटीवी भारत ने मंत्री विपिन परमार से बात की तो उन्होंने सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि साजिश के तहत ही मेरा नाम लिखकर इस पत्र को वायरल किया गया है.
परमार ने कहा कि वायरल पत्र में लिखा गया है कि एक ही व्यक्ति को 35 करोड़ का लाभ पहुंचाया गया है, लेकिन सच्चाई यह है कि विभाग ने कुल मिलाकर अभी केवल 49 करोड़ की डील ही की है और यह डील भी ई-टेंडरिंग माध्यम से की गई है. इसलिए इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है.
देखें स्वास्थ्य मंत्री से हुई बातचीत का वीडियो. मंत्री विपिन परमार ने कहा कि ऐसे पत्र पहले भी छपते रहे हैं और सर्कुलेट होते रहे हैं. उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा की अगर वायरल पत्र के साथ पुख्ता सबूत भी सामने रखे जाते तो स्थिति स्पष्ट हो सकती थी. इसके अलावा पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. साथ ही पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
उन्होंने बताया कि मामले में कुछ मोबाइल भी जब्त किए गए हैं. अब इन मोबाइलों की जांच से ही पता चल पाएगा कि इसके पीछे कौन है. आईजीएमसी के ऑर्थो विभाग में सामने आ रही गड़बड़ियों पर बोलते हुए विपिन परमार ने कहा कि मामला गंभीर है. इसकी जांच की जाएगी और अगर ऐसा कोई मामला सामने आया है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.