शिमला: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान पर सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के दो मंत्री आमने सामने आ गए है. एक ओर पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह बारिश के बाद बाढ़ आदि की वजह अवैध खनन बता रहे है तो दूसरी ओर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. हर्षवर्धन चौहान ने PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बयान को बचकाना करारा दिया है. हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश में नुकसान की वजह भारी बारिश है. यह अवैध खनन की वजह से नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि अवैध खनन की वजह से एक दो जगह नुकसान हो सकता है, जबकि यह नुकसान पूरे प्रदेश में हुआ है.
उन्होंने कहा कि पूरी कुल्लू घाटी के साथ मंडी के थुनाग और अन्य इलाकों में क्या अवैध खनन हो रहा है. हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि नदी क्षेत्र के 100 मीटर के दायरे में खनन की वैसे भी अनुमति नहीं है. हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश में जो नुकसान हुआ है, उसमें नदियों के किनारे बाढ़ आई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश हुई है और बदल फटने की घटनाएं हुई हैं. इस वजह से बाढ़ और भूस्खलन हुआ है. उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह का यह बयान बचकाना है.
क्या है पूरा मामला?: दरअसल गुरुवार 13 जुलाई को कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह कुल्लू के दौरे पर थे जहां उन्होंने बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि ये एक कड़वा सच है कि कुल्लू में बारिश के बाद ज्यादा नुकसान अवैध खनन की वजह से हुआ है और वो इस मुद्दे को विधानसभा से लेकर कैबिनेट और राज्यपाल के सामने उठाएंगे. उन्होंने कहा कि ये सिर्फ कुदरत की वजह से नहीं हुआ है, अगर अवैध खनन को लेकर अधिकारियों की ओर से एक्शन लिया गया होता तो ये हालात नहीं होते. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बारिश से नुकसान होता, लेकिन ज्यादा नुकसान अवैध खनन की वजह से हुआ है. अवैध खनन की वजह से ब्यास नदी का रास्ता बदला जिससे भारी तबाही हुई है. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इस मामले में सख्त से सख्त एक्शन होना चाहिए. इसके अलावा विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर पोस्ट किया था. जिसमें उन्होंने कुल्लू में आई बाढ़ और उससे हुए नुकसान की वजह अवैध खनन को बताया. उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि इस पर सख्त एक्शन होना चाहिए और वो इस विषय को लेकर मुख्यमंत्री से बात करेंगे.