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खेल विभाग वापस लेने पर कोई नाराजगी नहीं, लोकसभा चुनाव लड़ने का इच्छुक नहीं- विक्रमादित्य सिंह - Vikramaditya Lok sabha elections

Vikramaditya Singh, Lok Sabha Election 2024: कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने खेल विभाग वापस लेने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विभाग लेना और देना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. मेरे पास जो विभाग है, उससे बहुत खुश हूं. इसके साथ विक्रमादित्य सिंह ने लोकसभा चुनाव लड़ने पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने क्या कहा ये जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

Vikramaditya singh statement
कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 15, 2024, 8:18 PM IST

Updated : Jan 15, 2024, 8:52 PM IST

कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने खेल विभाग वापस लेने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि विभाग लेना और देना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. मंत्री बनते ही कह दिया था कि कैबिनेट स्टेट्स लगाने वालों में से हम नहीं हैं. व्यक्ति अपने कर्मों से जाना जाता है, कई पोर्टफोलियो रखने से भी पहचान ज्यादा समय तक नहीं रहती है. सरकार आती और जाती रहती है, ऐसे ही कोई पद भी स्थाई नहीं रहता है. इसलिए मेरे पास जो विभाग है, उससे बहुत खुश हूं. उन्होंने नाम लिए बिना कहा कि खेल विभाग जिसको दिया गया है, उसको बहुत बहुत शुभकामनाएं. खेल की बेहतरी के लिए जो भी मुझ से संभव होगा पूरा सहयोग किया जाएगा.

'हिंदू होने का सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं': विक्रमादित्य सिंह ने राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि सनातनी होने के नाते और देव परंपरा में विश्वास रखते हुए मेरा कर्तव्य बनता है कि में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान अयोध्या में रहूं. चाहे समय कोई भी हो. इसके लिए हमको किसी से हिंदू का सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता हूं. कांग्रेस की विचारधारा ही मेरी विचारधारा है.

'BJP और RSS सबने देश को बांटने का काम किया': विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भाजपा, आरएसएस सहित जितने भी संघ के संगठन हैं. उनके साथ हमारे वैचारिक और सैद्धांतिक मतभेद हैं, क्योंकि उनकी विचारधारा ने देश को बांटने का काम किया है. वहीं, कांग्रेस की विचाराधारा भिन्न है, जो देश को जोड़ने और सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने ही 1989 में राम मंदिर के दरवाजे खोले थे. इसलिए भाजपा और आरएसएस से हिंदू होने का सर्टिफिकेट लेने कि जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान ने किसी को भी राम लला की प्राण प्रतिष्ठा में जाने से नहीं रोका है. हमें जब भी जाना होगा, हम जाएंगे. राम लला की प्राण प्रतिष्ठा देश के लिए गर्व का पल है. इसे राजनितिक दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए.

'लोकसभा चुनाव लड़ने का इच्छुक नहीं': लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि चुनाव लड़ने का इच्छुक नहीं हूं. विधानसभा चुनाव में शिमला ग्रामीण की जनता ने मुझे इस बार रिकॉर्ड मतों से जिताकर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. इसके अतिरिक्त सरकार में भी काफी महत्वपूर्ण विभाग में रहकर लोगों की सेवा कर रहा हूं. ये जरूर कहा था कि कांग्रेस पार्टी का सच्चा सिपाई हूं, इसलिए हाईकमान का जो भी आदेश होगा, सर्वमान्य होगा.

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Last Updated : Jan 15, 2024, 8:52 PM IST

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