शिमला: हिमाचल प्रदेश में अफसरशाही को प्रताड़ित करने को लेकर सता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. एक ओर जयराम ठाकुर ने कहा है कि सरकार में आपसी खींचतान से अधिकारी प्रताड़ित हैं तो दूसरी ओर पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी जयराम पर पलटवार कर पहले अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत दे डाली है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के दौरान अपने पांच साल के कार्यकाल में रिकॉर्ड सात मुख्य सचिव बदलने वाले नेता विपक्ष जयराम ठाकुर आज अफसरों के लिए वर्क कल्चर न होने के झूठे आरोप लगा रहे हैं.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी सरकार ने अपनी पांच वर्ष की अवधि में सात मुख्य सचिव बदलकर रिकॉर्ड बनाया. इसलिए आरोप लगाने से पहले नेता विपक्ष को प्रदेश की जनता को स्पष्ट करना चाहिए कि ऐसी नौबत क्यों आई और बार-बार अधिकारियों को बदलने के पीछे क्या वजह रही. उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार में अफसरों की हालत आया राम-गया राम की हो गई थी और सिर्फ मुख्य सचिव ही नहीं बहुत से अधिकारियों को पूर्व सरकार में प्रताड़ना का शिकार बनाया गया.
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने अधिकारियों को सिक्योरिटी ऑफ टेन्योर दिया है. सत्ता में आने के बाद प्रदेश सरकार ने न तो जिलों में डीसी-एसपी बदले और न ही अन्य महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अधिकारियों को हटाया गया है. वर्तमान सरकार के गठन के सात माह बीत जाने के बाद भी बहुत से जिलों में पुराने डीसी और एसपी काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि नई सरकार बनते ही सबसे पहले अफसरों को बदला जाता था, लेकिन वर्तमान सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन करते हुए ऐसा कुछ नहीं किया.