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घूस कांड की ऑडियो रिकार्ड करने वाले से लंबी पूछताछ, IGMC से कैथू जेल भेजे गए आरोपी DHS

हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में सामने आए घूस कांड में विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांच तेज कर दी है. ऑडियो रिकार्ड करने वाले व्यक्ति से विजिलेंस ने काफी देर तक पूछताछ की. वहीं, डॉ. अजय गुप्ता को भी आइजीएमसी से डिस्चार्ज कर दिया गया और बाद में उन्हें कैथू जेल ले जाया गया. फिलहाल डॉ. अजय गुप्ता न्यायिक हिरासत में हैं.

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Published : May 25, 2020, 11:12 PM IST

Health Department Shimla Scam
घूस कांड की ऑडियो रिकार्ड करने वाले से लंबी पूछताछ

शिमालाः हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में सामने आए घूस कांड से समूचे प्रदेश में हलचल है. सोमवार को बेशक छुट्टी का दिन था, लेकिन स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो ने वायरल ऑडियो मामले में जांच तेज कर दी है. विजिलेंस की टीम ने ऑडियो को रिकार्ड करने वाले व्यक्ति से लंबी पूछताछ की है.

उधर, स्वास्थ्य संबंधी शिकायत के कारण आइजीएमसी में भर्ती निलंबित डीएचएस डॉ. अजय गुप्ता को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. बाद में उन्हें कैथू जेल ले जाया गया और फिलहाल डॉ. अजय गुप्ता अभी न्यायिक हिरासत में हैं.

सोमवार को विजिलेंस ने वायरल ऑडियो मामले में जांच तेज करते हुए ऑडियो रिकार्ड करने वाले से लंबी पूछताछ की. ऑडियो रिकार्ड करने वाले का मोबाइल भी कब्जे में लेकर उसे फॉरेंसिक जांच के लिए जुन्गा स्थित लैब में भेज दिया गया है.

इस घूस कांड से जुड़े हुए मोबाइल में कई राज छिपे हुए हैं. यही कारण है कि उसकी फॉरेंसिक जांच जरूरी थी. विजिलेंस की टीम अब केस में कड़िया जोड़ रही है. विजिलेंस के सूत्रों के अनुसार टीम ने ऑडियो रिकार्ड करने वाले व्यक्ति से रिकार्डिंग की मंशा, घूस का मकसद, कितने फोन किसको किए, क्या किसी के इशारे पर ये सब हो रहा था और खरीद मामलों में किस-किस की दिलचस्पी थी, जैसे सवाल किए.

इस घूस कांड में सभी संदिग्धों की कॉल डिटेल का रिकार्ड जुटाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि विजिलेंस की विशेष टीम ने प्रदेश से बाहर चंडीगढ़ से भी एक व्यक्ति को जांच में शामिल किया है.

इस मामले में विजिलेंस के एडीजी अनुराग गर्ग का कहना है कि ऑडियो रिकार्ड करने वाले ने स्वीकार किया है कि आवाज उसी की है. मोबाइल को जब्त करके उसे फॉरेंसिक जांच के लिए जुन्गा स्थित लैब में भेजा गया है.

वहीं, अगर मामले को हिमाचल भाजपा की दृष्टि से देखा जाए तो यह मामला राज्य सरकार के लिए गंभीर संकेत है. जिस तरह से वरिष्ठ भाजपा नेता शांता कुमार ने नाराजगी जताई है, उससे पता चलता है कि भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति का दावा करने वाली भाजपा के लिए स्थितियां असहज हो रही हैं.

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