शिमला: कोरोना के इस दौर में हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में सामने आए घूस कांड से समूचे प्रदेश में हलचल है. सोमवार को बेशक छुट्टी का दिन था, लेकिन स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो ने वायरल ऑडियो मामले में जांच तेज कर दी है. विजिलेंस की टीम ने ऑडियो को रिकॉर्ड करने वाले व्यक्ति से लंबी पूछताछ की है.
उधर, स्वास्थ्य संबंधी शिकायत के कारण आइजीएमसी अस्पताल में भर्ती निलंबित डीएचएस डॉ. अजय गुप्ता को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. बाद में उन्हें कैथू जेल ले जाया गया. डॉ. अजय गुप्ता न्यायिक हिरासत में हैं.
सोमवार को विजिलेंस ने वायरल ऑडियो मामले में जांच तेज करते हुए ऑडियो रिकार्ड करने वाले से लंबी पूछताछ की. ऑडियो रिकार्ड करने वाले का मोबाइल भी कब्जे में लेकर उसे फॉरेंसिक जांच के लिए जुन्गा स्थित लैब में भेज दिया गया है. मोबाइल में कई राज छिपे हुए हैं. यही कारण है कि उसकी फॉरेंसिक जांच जरूरी थी. विजिलेंस की टीम अब केस में कडियां जोड़ रही है.
विजिलेंस के सूत्रों के अनुसार टीम ने ऑडियो रिकार्ड करने वाले व्यक्ति से रिकार्डिंग की मंशा, घूस का मकसद, कितने फोन किसको किए, क्या किसी के इशारे पर ये सब हो रहा था और खरीद मामलों में किस-किस का इंट्रस्ट था, जैसे सवाल किए. घूस कांड में सभी संदिग्धों की कॉल डिटेल का रिकार्ड जुटाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि विजिलेंस की विशेष टीम ने प्रदेश से बाहर के भी एक व्यक्ति को जांच में शामिल किया है. उक्त व्यक्ति चंडीगढ़ में रहता है.
वहीं, विजिलेंस के एडीजी अनुराग गर्ग का कहना है कि ऑडियो रिकार्ड करने वाले ने स्वीकार किया है कि आवाज उसी की है. मोबाइल को जब्त करके उसे फॉरेंसिक जांच के लिए जुन्गा स्थित लैब में भेजा गया है. फिलहाल, ये मामला राज्य सरकार के लिए गंभीर संकेत है, जिस तरह से वरिष्ठ बीजेपी नेता शांता कुमार ने नाराजगी जताई है, उससे पता चलता है कि भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति का दावा करने वाली बीजेपी के लिए स्थितियां असहज हो रही हैं.
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