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इंडस और एपीजी विवि के कुलपतियों ने दिया इस्तीफा, ईमेल के माध्यम से आयोग को भेजी सूचना - निजी विश्वविद्यालय

निजी शिक्षण संस्था नियामक आयोग की ओर से जिन निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अयोग्य घोषित किया गया था, जिसके चलते इंडस और एपीजी यूनिवर्सिटी के कुलपतियों ने इस्तीफा दे दिया है. इसकी सूचना चांसलरों ने निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग को ईमेल के माध्यम से दी है. यही वह निजी विश्वविद्यालय थे जिन्होंने आयोग के आदेशों की पालना नहीं की थी जिसके चलते आयोग ने चांसलरों को तलब भी किया था, लेकिन इन्होंने आयोग के कार्यालय में ना जाते हुए ईमेल के माध्यम से कुलपतियों के इस्तीफा देने की जानकारी भेजी.

Vice Chancellors of Indus and APG University resign
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Published : Jan 13, 2021, 9:48 AM IST

शिमला: निजी शिक्षण संस्था नियामक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में निजी विश्विद्यालयों के कुलपतियों को अयोग्य घोषित किया था. अब आयोग्य ठहराए जाने के बाद इंडस और एपीजी यूनिवर्सिटी के कुलपतियों ने इस्तीफा दे दिया है. इसकी सूचना विवि चांसलर्स ने निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग को ईमेल के माध्यम से दी है. यही वह निजी विश्वविद्यालय थे जिन्होंने आयोग के आदेशों की पालना नहीं की थी, जिसके चलते आयोग ने चांसलर्स को तलब भी किया था, लेकिन इन्होंने आयोग के कार्यालय में ना जाते हुए ईमेल के माध्यम से कुलपतियों के इस्तीफा देने की जानकारी भेजी.

7 कुलपतियों ने दोबारा से मामले पर जांच करने की आयोग से की मांग

आयोग की ओर से जिन 10 निजी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को अयोग्य घोषित किया था उसमें से 8 कुलपति अपना पद छोड़ चुके हैं. वहीं आईसीएफएआई विवि के कुलपति ने उन्हें अयोग्य करार दिए जाने के मामले पर दोबारा से जांच मांगी है. इसके बाद 1 बार फिर आयोग उनके दस्तावेज जांचेगा. आयोग ने जिन 10 निजी विवि के कुलपतियों को अयोग्य घोषित किया उसमें से 3 कुलपतियों ने सबसे पहले खुद ही अपने पद से इस्तीफा दिया.

इसके बाद अयोग्य करार दिए गए 7 कुलपतियों ने दोबारा से मामले पर जांच की आयोग से मांग की थी, जिसमें दोबारा से 6 कुलपति फिर से अयोग्य पाए गए और 1 कुलपति पद पर रहने के योग्य पाए गए. इसके बाद अयोग्य 5 कुलपतियों ने अपना पद छोड़ दिया है, जबकि एक कुलपति ने दोबारा से जांच के लिए आवेदन किया है.

आयोग्य कुलपतियों यूजीसी के नियमों को नहीं कर रहे पूरा

बता दे कि जिन कुलपतियों को आयोग ने आयोग्य के करार दिया था वह यूजीसी के नियमों को पूरा नहीं कर रहे थे. कुछ कुलपतियों की आयु अधिक थी तो कुछ की शैक्षणिक योग्यता ही पूरी नहीं थी जिस पर यह बड़ी कार्रवाई आयोग की ओर से की गई. अब कुलपतियों कि जांच पूरी होने के बाद आयोग ने निजी कॉलेजों के प्रिंसिपलों की योग्यता की जांच शुरू कर दी है.

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