शिमला: हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कई गजब आंकड़े उभरकर सामने आए हैं. भाजपा बेशक चुनाव हार गई, लेकिन पार्टी के सीएम फेस जयराम ठाकुर ने हिमाचल के इतिहास में निजी जीत के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. जयराम ठाकुर 38 हजार से अधिक वोटों से चुनाव जीतने वाले पहले नेता बने. इससे पहले रिकार्ड वीरभद्र सिंह व प्रेम कुमार धूमल के नाम था. (use of nota in himachal)
सराज में 292 ने दबाया नोटा:दिलचस्प बात ये रही है कि मुख्यमंत्री की सीट पर जनता ने उन्हें रिकॉर्ड तोड़ समर्थन दिया, परंतु 292 वोटर्स यहां किसी से खुश नहीं थे. यानी 292 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया. ये अपने आप में हैरान कर देने वाली बात है. द्रंग से कांग्रेस के दिग्गज नेता कौल सिंह ठाकुर मुख्यमंत्री बनने का सपना पाले बैठे थे, लेकिन उन्हीं के सियासी चेले ने ये सपना धूल में मिला दिया. (292 people pressed NOTA in Seraj)
कौल सिंह को चेले ने हराया:कौल सिंह बेहद कम मतों के अंतर से चुनाव हार गए. दिलचस्प बात ये है कि द्रंग में नोटा को लगभग उतने ही वोट पड़े, जितने मतों से कौल सिंह चुनाव हारे. द्रंग में कौल सिंह ठाकुर अपने चेले पूर्ण ठाकुर से 618 मतों से चुनाव हार गए. द्रंग में नोटा का बटन दबाने वाले मतदाताओं की संख्या 579 रही. भोरंज सीट पर भाजपा के डॉ. अनिल धीमान महज 60 मतों से हारे, लेकिन यहां नोटा के खाते में 293 वोट थे. इस तरह कहा जा सकता है कि यदि नोटा के खाते में गए वोटों में 30 भी डॉ. धीमान को पड़ते तो चुनाव का परिणाम बदल जाता. (Kaul Singh lost the election)