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दलितों से भेदभाव पर गरमाया सदन, विपक्ष ने किया वॉकआउट - शिमला दलित न्यूज

वीरवार को विधानसभा मानसून सत्र में प्रश्नकाल शुरू होने से पहले ही सदन में विपक्ष ने दलितों से भेदभाव पर जम कर हंगामा किया. विपक्ष का आरोप है कि ये सरकार दलितों के मुद्दों को लेकर संवेदनशील नहीं है और इनके मुद्दों पर चर्चा करने से भाग रही है. कांग्रेस विधायक जगत नेगी ने कहा कि प्रदेश में दलितों के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं और ये सरकार सदन में चर्चा तक नहीं करना चाहती.

Uproar in the Himachal Assembly on discrimination against Dalits
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Published : Sep 17, 2020, 12:15 PM IST

Updated : Sep 27, 2020, 5:02 PM IST

शिमला: वीरवार को विधानसभा मानसून सत्र में प्रश्नकाल शुरू होने से पहले ही सदन में विपक्ष ने दलितों से भेदभाव पर जम कर हांगमा किया. प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने नियम 67 के तहत दलितों के मुद्दों पर चर्चा की मांग की, लेकिन अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी.

जिसके बाद विपक्ष ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया और सरकार को दलित विरोधी करार दिया और सदन से नारेबाजी करते हुए बाहर आ गए. विपक्ष का आरोप है कि ये सरकार दलितों के मुद्दों को लेकर संवेदनशील नहीं है और इनके मुद्दों पर चर्चा करने से भाग रही है. कांग्रेस विधायक जगत नेगी ने कहा कि प्रदेश में दलितों के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं और ये सरकार सदन में चर्चा तक नहीं करना चाहती.

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विपक्ष की ओर से इसको लेकर बाकायदा नोटिस दिया गया था और नियम 67 के तहत चर्चा मांगी जा रही थी, लेकिन सरकार चर्चा से भाग रही है. उन्होंने कहा जनजातीय क्षेत्र का फंड ट्रांफर किया जा रहा और नौकरियों में भी आरक्षण को ये सरकार खत्म कर रही है. नौकरियों में रोस्टर को लागू नहीं किया जा रहा है इसके स्कूलों में छुआछूत हो रही है और मंदिरों में प्रवेश नहीं दिया जाता है.

उन्होंने कहा कि ये सरकार दलित विरोधी है, जबकि प्रदेश की 35 से 40 आबादी दलितों की है और उसके मुद्दों पर ही ये सरकार चर्चा नही करना चाहती है. जिससे ये साफ है कि ये सरकार दलित, जनजातीय और ओबीसी विरोधी है.

Last Updated : Sep 27, 2020, 5:02 PM IST

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