शिमला/बिलासपुर:केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व मुख्यमंत्री पर पलटवार किया है. अनुराग ठाकुर ने कहा कि एक तरफ जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पद्मश्री अवार्ड दिलाना चाहते थे तो वहीं, अब इनके सारे अवॉर्ड्स का खुलासा हो चुका है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सीबीआई द्वारा शराब मामले में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करना सबसे सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का अवार्ड है. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य की श्रेय लेने वाले मनीष सिसोदिया का पूरी तरीके से पर्दाफाश हो चुका है. यहां पर शराब मामले पर चल रही लंबी जांच के बाद सीबीआई ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया है. जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि उप मुख्यमंत्री किस दिशा में चल रहे थे. इसी के साथ उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर भी सवालिया निशान खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि दिल्ली में भ्रष्टाचार की सरकार आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है, लेकिन त्वरित कार्रवाई व अन्य सारे मामलों की जांच कर रही एजेंसी बेहतर कार्य कर रही है और जो इन मामलों में संलिप्त हैं उन को पकड़ा जा रहा है.
दिल्ली शराब घोटाला क्या है? जिसमें Deputy CM मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी: दिल्ली शराब बिक्री नीति से संबंधित जांच 2021 में पेश की गई और अब वापस ले ली गई. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया दिल्ली के Excise Department के प्रमुख हैं, जिस कारण वह निशाने पर आ गए. साथ ही CBI ने उनपर पूछताछ के दौरान सहयोग न करने का आरोप भी लगाया. इस नीति के तहत, अधिकांश राज्यों में मानदंडों से हटकर, सरकार का अब शराब बेचने से कोई लेना-देना नहीं था और केवल निजी दुकानों को ही ऐसा करने की अनुमति थी. इसका मुख्य उद्देश्य कालाबाजारी को रोकना, राजस्व में बढ़ोतरी करना और उपभोक्ता अनुभव में सुधार करना था.
इस नीति के तहत, शराब की Home Delivery और दुकानों को सुबह 3 बजे तक खुले रहने की भी अनुमति दी थी. लाइसेंसधारी असीमित छूट भी दे सकते थे. सरकार ने नीति से आय में 27% की पर्याप्त बढ़ोतरी की सूचना दी, जिससे लगभग 8,900 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. शराब नीति ने दिल्ली सरकार को मुश्किलों में डाल दिया. आरोप है कि केजरीवाल सरकार ने जानबूझकर बड़े शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाइसेंस शुल्क बढ़ाया. उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले में जांच की मांग उठाई थी और CBI को जांच के लिए कहा था. जांच आदेश के कुछ ही समय बाद ही डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि नीति रद्द हो रही है, क्योंकि BJP विक्रेताओं को डराने के लिए अपने नियंत्रण वाली जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही हैं.