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IGMC में डिप्रेशन से जूझ रहे कोरोना मरीजों को 'जादू की झप्पी', मरीज बोले- हम आपको हमेशा याद रखेंगे - मानसिक तनाव

शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में कुछ कोरोना मरीज मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं. वहीं, उनके इस मानसिक तनाव को खत्म करने के लिए आईजीएमसी में कोरोना वार्ड में ड्यूटी दे रहे वार्ड बॉय सोहन लाल तुलिया और अनुज ने नया तरीका निकाला. वे मरीजों को गाने या चुटकुले सुनाकर उनका मनोरंजन कर रहे हैं.

IGMC शिमला
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Published : May 4, 2021, 1:20 PM IST

शिमला: प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है. ऐसे में मरीज डिप्रेशन में भी आ जाता है. विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार डर और तनाव मरीज को और गम्भीर बना देता है. ऐसे में अगर मरीज खुश मिजाज रहे तो उसकी बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है.

वीडियो देखें.

कुछ कोरोना मरीज होते हैं मानसिक तनाव के शिकार

प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में प्रदेश भर के गंभीर कोरोना संक्रमित मरीज आते हैं. आईजीएसी आइसोलेशन वार्ड की बात की जाये तो यहां 200 से अधिक मरीज दाखिल हैं, जो कोरोना संक्रमित हैं. लेकिन अस्पताल में मरीजों के मानसिक तनाव दूर के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं है. यहां मरीज खुद मोबाइल पर भजन, गाने और अन्य मनोरंजक कार्यक्रम लगा कर तनाव से बचने की कोशिश करते हैं.

दो वार्ड बॉय ने समझी मरीजों की समस्या

वहीं, कोरोना वार्ड में ड्यूटी दे रहे वार्ड बॉय सोहन लाल तुलिया और अनुज ने जब ये देखा कि मरीज मासिक तनाव में रहते हैं. साथ ही उनके मनोरंजन की व्यवस्था नहीं है, तब उन्होंने मरीजों को खुश करने की ठानी. सोहन जब भी ड्यूटी पर जाता, वार्ड में इस तरह प्रवेश करता कि सारे मरीज खुश होकर कहते कृपया ये गाना सुना दो, बहुत दिन से संगीत सुनने को नहीं मिला. ऐसे में सोहन अपने मीठे अंदाज में मरीजों को गाना गाकर उनका तनाव दूर करते.

'मरीजों का जादू की झप्पी से तनाव दूर'

सोहन बताते हैं कि उन्होंने कई ऐसे गम्भीर मरीज भी देखे जो हंसी मजाक और उनके गाने सुनने के बाद कुछ हल्का महसूस करते और जल्द ठीक होकर घर चले गए. अस्पताल से जाते समय वे सोहन का मोबाइल नंबर लेकर जाते और कहते कि हम हमेशा याद रखेंगे. आपने बुरे समय में हमें काफी सहयोग किया. सोहन ने बताया कि कई मरीज खाना नहीं खाते थे. ऐसे में वह उन्हें जादू की झप्पी देकर गले लगा कर, प्यार से बातें करते और उन्हें खाना खिला कर ही वहां से जाते थे. सोहन बताते हैं कि वार्ड में कब उनकी ड्यूटी के 6 घंटे पूरे हुए पता नहीं लगता था.

मरीजों को नए अंदाज में सुनाए चुटकुले

वहीं, एक अन्य वार्ड बॉय अनुज ने बताया कि वे जब पहली बार वार्ड में ड्यूटी के लिए गए तो घबरा गए क्योंकि वहां सभी मरीज अलग पड़े रहते थे और अपने तनाव में होते थे. ऐसे में उन्होंने उन्हें खुश करने का तरीका निकाला. जब भी वे मरीज के पास जाते, उसके लिए नए अंदाज में चुटकुला सुनाते और अन्य गीत सुनाते. उसके बाद उन्होंने देखा कि मरीज तनाव से मुक्त हो रहे हैं और खुश मिजाज रह रहे हैं.

वार्ड में एलईडी और म्यूजिक सिस्टम लगाने का था प्रस्ताव

2020 में जब पहली बार ई ब्लॉक को आईसोलेशन वार्ड बनाया था, तब आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने वार्ड में मरीजों के मनोरजंन के लिए ई ब्लॉक में एलईडी लगाने की और म्यूजिक सिस्टम फिट करने की व्यवस्था की. दुर्भाग्यवश कोई भी मैकेनिक वार्ड में जाने को तैयार नहीं हुआ. यहां तक कि दोगुने पैसे देने पर भी कोई एलईडी लगाने वार्ड में जाने को तैयार नहीं हुआ. ऐसे में यह व्यवस्था ठंडे बस्ते में सिमट कर रह गयी. जबकि चिकित्सक खुद मानते हैं कि अगर कोरोना संक्रमित मरीज का मानसिक तनाव दूर किया जाए तो वह जल्दी ठीक हो जाते हैं.
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