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आदेश की अनुपालना न होने पर ट्रिब्यूनल की सख्ती, PCCF की सरकारी गाड़ी कुर्क करने के ऑर्डर - शिमला ताजा खबर

ट्रिब्यूनल ने अपने आदेशों की अनुपालना न होने पर वन विभाग के मुखिया प्रधान मुख्य अरण्यपाल की सरकारी गाड़ी कुर्क करने के आदेश किए पारित. प्रार्थी रूप सिंह का आरोप है कि वन विभाग ट्रिब्यूनल के 20 नवम्बर 2015 के आदेशों की अनुपालना नहीं कर रहा है

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Published : Jul 19, 2019, 9:03 PM IST

शिमला: प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने अपने आदेशों की अनुपालना न होने पर वन विभाग के मुखिया प्रधान मुख्य अरण्यपाल की सरकारी गाड़ी कुर्क करने के आदेश पारित किए हैं.
ट्रिब्यूनल के प्रशासनिक सदस्य डीके शर्मा ने प्रार्थी रूप सिंह की अनुपालना याचिका की सुनवाई के बाद पीसीसीएफ की सरकारी गाड़ी के अटैचमेंट वारंट जारी करने के आदेश दिए.

प्रार्थी रूप सिंह का आरोप है कि वन विभाग ट्रिब्यूनल के 20 नवम्बर 2015 के आदेशों की अनुपालना नहीं कर रहा है, जिसके तहत ट्रिब्यूनल ने प्रार्थी को 10 साल की दिहाड़ीदार सेवा के तुरंत बाद वर्क चार्ज स्टेट्स देने के साथ-साथ इससे जुड़े सभी सेवा लाभ देने के आदेश दिए थे.

प्रार्थी का आरोप है कि वन विभाग 7 अगस्त 2018 को हिमाचल हाईकोर्ट और 2 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट से हारने के बाद भी ट्रिब्यूनल के आदेशों की जानबूझ कर अनुपालना नहीं कर रहा. मामले के अनुसार, प्रार्थी को 1991 में शिमला जिला के चौपाल वन मंडल में बतौर दिहाड़ीदार बेलदार रखा गया था.

साल 1991 में 240 दिन काम करने के बाद उसे विभाग ने 1992 में काम से निकाल दिया. हालांकि प्रार्थी को ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार फिर से वापिस नौकरी पर रख लिया गया था. साल1997 में उसे विभाग ने फिर से नौकरी से निकाल दिया.

मामला लेबर कोर्ट पहुंचा और लेबर कोर्ट ने 2 जनवरी 2013 को पारित आदेशों में प्रार्थी की 1997 में की गई बर्खास्तगी को गैर कानूनी ठहराया और वन विभाग को आदेश दिए कि प्रार्थी को 1997 से लेकर रिटायरमेंट तक कि उम्र यानी 60 वर्ष की आयु तक बैक वेजिज दी जाए.

लेबर कोर्ट के फैसले के समय प्रार्थी की उम्र 65 वर्ष हो चुकी थी, जिसके बाद उसे फिर से नौकरी में रखने के आदेश नहीं दिए जा सके. लेबर कोर्ट ने प्रार्थी को अपनी नियमितीकरण संबंधी मुद्दा कोर्ट में उठाने की छूट भी दी.

प्रार्थी ने अपने नियमितीकरण का मामला ट्रिब्यूनल के समक्ष उठाया, जिसे स्वीकारते हुए ट्रिब्यूनल ने 20 नवम्बर 2015 को पारित आदेशों के तहत प्रार्थी को 10 साल के दिहाड़ीदार कार्य के पश्चात वर्क चार्ज स्टेट्स देकर सभी सेवा लाभ देने के आदेश दिए.

वन विभाग ने ट्रिब्यूनल के आदेशों की रिट याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसे हाईकोर्ट ने 7 अगस्त 2018 के फैसले के तहत खारिज कर दिया और ट्रिब्यूनल के आदेशों को बरकरार रखा. इसके बाद प्रार्थी ने ट्रिब्यूनल के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने हेतु अनुपालना याचिका दायर की. ट्रिब्यूनल ने अपने आदेशों की अनुपालना न होने पर पीसीसीएफ की सरकारी गाड़ी कुर्क करने के वारंट जारी किए हैं.

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